गीता समाज भवन का हॉल लोगों से खचाखच भरा हुआ था।गद्दों पर बिछी हुई सफेद चादरें, अगरबत्ती की मीठी-मीठी खुशबू, राधेश्याम जी की तस्वीर के सामने फूलों का ढेर, तस्वीर पर चंदन की मालाएं, धीमे स्वर में गूँजता ओम शांति का संगीत,हजारों की संख्या में निर्विकार भाव से बैठे लोग […]

पिछले आधे घंटे से माँ पूजा, पाठ,अगरबत्ती, माला,और आरती में लगी हुई है।बचपन से मैं देखता आ रहा हूँ। हर रोज बिना नागा किये, बीमार होने के बावजूद माँ ने कभी भगवान की भक्ति मे कोई कमी नहीं छोड़ी।भगवान का स्नान , मंदिर की सफाई, प्रसाद से लेकर उन्हें सुलाना […]

कमला बेन कल से तुम घर आ जाना , वहीं खाना बना देना ….अब तो लॉकडाउन में छूट है आराम से आ सकती हो पारस बाबू ने हाथ धोते हुए कहा। आपको यहाँ आने में कोई तकलीफ नहीं हो तो यही आते रहिये ….हमारे यहाँ तो सात लोगों का खाना […]

पाँच बज रहे थे।चाय की तलब से बुरा हाल हो रहा था रजत का।उठकर किचन में आया तो झूठे बर्तन मूँह चिढा रहे थे।चाय का सस्पेन भी बर्तनों के बीच औंघे मूँह पङ़ा था। गैस के स्लेब पर दो-तीन कोक्रोच घूम रहे थे।किचन की हालत देखकर ऊबकाई सी आने लगी […]

पढ़ती जा रही जिंदगी झटपट, फटाफट पृष्ठ -दर -पृष्ठ बस, पलटती जा रही हैं. किसी पृष्ठ पर; कभी जाती ठहर, क्षणभर के लिए, सुस्ताती-सोचती. हिलोरें लेता भाव, होते गड्डमड विचार. सहमत-असहमत, कई असमंजस. रुकने नहीं देती, उत्सुकता-ललक, क्या होगा?कैसा होगा? करती रहती आकर्षित, अदम्य लालसा, ‘अंत’ जानने की. ज्ञात है जबकि, […]

शब्दों ने ओढी खामोशी बोले मेरी निगाहें। मेहंदी, कंगना, कजरा, गजरा फूल तुम्हें छूने को आतुर अल्हा , कजरी, फाग सभी के शरमीले से लगते है सुर नजर, नजर से कहे, नजारे हम तो कुछ न चाहे शब्दों ने ओढी खामोशी बोले मेरी निगाहें । तुम्हे देखकर भोर सुहाए सांझ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।