ये बारिश तन गीला कर दे, ये बारिश मन गीला कर दे| जम के बरस रही है बारिश, जैसे रग-रग गीला कर दे||   सब कुछ गीला–गीला कर दे, आसमान को नीला कर दे| दादुर भी अब सरगम गाएं, सब कुछ शीतल–शीतल कर दे||   गर्मी को झट विदा ये […]

  आदत छोटी-सी उम्र से ही, मैंने देखा है पिता को रखते हुए घर का एक-एक हिसाब और तुम कहते हो, वे मुट्ठी में पादते हैं   दादा को एक ही चिढ़ रही पिता की उस छोटी-सी नौकरी से सदा नौकरीपेशा होते हुए भी दादू ले लेना चाहते थे, पिता […]

अगर श्रद्धा है तो सिंदूर लगा एक पत्थर भी भगवान बन जाता है,और उस पर जब विश्वास हो जाए तो यकीन मानिए, जीवन के हर पल में सुख दुःख में वो आपके साथ होगा। जब भी कहीं आपके कदम गलत बढ़ेंगे,उस वक़्त जिस पत्थर से ठोकर लगकर आप सम्भलोगे,यह वही […]

तिरंगा ओढ़ करके देख,तेरा लाल आया है। न प्राणों की फिक्र की,मातृ इज्जत को बचाया है।। न रोना माँ मेरी वरना,तिरंगा भीग जाएगा। तिरंगे के लिए ही हमने,जीवन को गँवाया है।। लहू के रंग से जिसने,तिरंगे को सजाया है। कफ़न में ओढ़कर अपने,तिरंगे को वो आया है।। सुहानी शाम जिसने […]

क्रंदन मन आँ खों के आँसू , कैसे भला छिपाऊँ मैं। रोती घाटी चीख रही है, कैसे चुप हो जाऊँ मैं।। अपने घर के गद्दारों ने, इसको घायल कर डाला। आतंकी हमलों ने इसका, खूनी आँचल कर डाला।। सत्ता की चाहत में नेता, कैसे चुप हो जाते हैं। राजनीति के […]

  (जलियांवाला बाग हत्याकांड पर) आँखें भर आती हैं मेरी,सुनकर उनकी अमर कहानी। देशप्रेम हित जिन वीरों ने,त्यागा बचपन और जवानी।। जिनके लहू से सिंचित था,ये जलियांवाला बाग हुआ। कितनी वीर महाव्रतियों का,था अर्पित अमर सुहाग हुआ।। कितनी माँओं के सपनों का,आँगन भी सूना कर डाला। पापी हत्यारे डायर ने,पापों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।