ये जो कंगूरे चमकते शान से आज़ाद हो, नींव के हे पत्थरों तुमको नमन है देश का। भारती माँ पर यहाँ जब भी कोई खतरा हुआ, अपने तन का आखिरी तत्पर लहू कतरा हुआ। प्रार्थना हो या अजानें या कोई उपदेश हो, तुम्हारी पूजा रही कि खैरियत में देश हो। […]

मन के कोने में भी तुम एक दीप जलाना सीख लो, आग में तन को तपाकर फिर गलाना सीख लो। फूलों की खुशबू मिलेगी ज़िन्दगी की राह में, पहले काँटों की डगर पर पग चलाना सीख लो। क्या हुआ जो रात का घनघोर अँधेरा छा गया, जुगनुओं-सा खुद को थोड़ा […]

हे मां, तेरी है शान निराली, आभा अदभुत चमकत न्यारी।                तेरे सारे पेड़ ये झूमें,                हवा के शीतल झोंकों से                मन भी कंपित-सा होकर,           […]

जिंदगी एक सफर है,इसमें चलते रहना पड़ता है, कभी धूप-कभी छांव, तो कभी बारिश में भी आगे बढ़ना रहता है। आएंगे राहों में गड्ढे बड़े-से-बड़े,उनमें से कुछ को पार, तो कुछ में से होकर ही निकलना पड़ता है। अब… माना कि आप नहीं हैं, पैदल चलने के शौक़ीन, नहीं सुहाती […]

लगती हमें कभी-कभी आसान ज़िन्दगी, लगती  हमें  कभी यहां  हैरान ज़िन्दगी। रफ़्तार से चला समय मालूम ही नहीं, कब भीड़ से हुई यहां वीरान ज़िन्दगी। हर रोशनी के बाद तम की रीत क्यों यहाँ, है  मुस्कुराहटों में परेशान ज़िन्दगी। इस ज़िन्दगी को ज़िन्दगी भर चाहते सभी, बस चार दिन रहे […]

चूड़ी खनकाती, पायल छनकाती महकती-चहकती, तुम आ ही जाओ। प्रिये मेरे जीवन में। मेरी आंखें घर के, दरवाजे पर टिकी हैं तुम्हारे स्वागत के लिए, एक ही जगह रूकी हैं इन्हें इंतजार तुम्हारा है, ना इन्हें और तड़पाओ प्रिये तुम आ ही जाओ। सूनी चौखट, सूना घर, पूरा खाली है […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।