कन्या घर की रौनक है इसे समझ लो खूब जो कन्या का मान करे पून्य मिले भरपूर कन्या थोड़ी भी बड़ी हो ख्याल रखती है सबका घर के काम मे हाथ बटाये दिल जीत लेती है सबका आधी आबादी की प्रतीक बन पूरी आबादी को आबाद करे धर्म परायण रहे […]

मोबाइल और कम्प्यूटर में उलझ गया है मन, लाओ ! चार किताबें दे दो जिसमें हो बचपन। दादी,नानी रही न संग में कौन सुनाए किस्से, अब तो केवल आधुनिक मम्मी-पापा हैं हिस्से। समय की दौड़ा-दौड़ी में वो खो गया नटखटपन। लाओ ! चार किताबें दे दो जिसमें हो बचपन। परी […]

मन के कोने में भी तुम एक दीप जलाना सीख लो, आग में तन को तपाकर फिर गलाना सीख लो। फूलों की खुशबू मिलेगी ज़िन्दगी की राह में, पहले काँटों की डगर पर पग चलाना सीख लो। क्या हुआ जो रात का घनघोर अँधेरा छा गया, जुगनुओं-सा खुद को थोड़ा […]

लगती हमें कभी-कभी आसान ज़िन्दगी, लगती  हमें  कभी यहां  हैरान ज़िन्दगी। रफ़्तार से चला समय मालूम ही नहीं, कब भीड़ से हुई यहां वीरान ज़िन्दगी। हर रोशनी के बाद तम की रीत क्यों यहाँ, है  मुस्कुराहटों में परेशान ज़िन्दगी। इस ज़िन्दगी को ज़िन्दगी भर चाहते सभी, बस चार दिन रहे […]

इस कदर वक्त खुद में उलझता रहा, चाँद ठहरा रहा ,रात ढलती रही। कुछ सितारों की उम्र जब पूरी हुई, टूटकर गिरने की रस्म देखी यहां, लोग मिन्नत लिए सब खड़े ही रहे आसमां की थी चुनर उजड़ी जहाँ। रोशनी की चकाचौंध में था शहर, बस्तियाँ कुछ अँधेरों में जलती […]

वो बस एक पेड़ की तरह था, ऊँचे कद का जमीन से आसमान तक तना ही तना… एकदम चिकना रंगहीन पारदर्शी शाखाविहीन सिर्फ शीर्ष था बहुत घना, काला अभेद इतना,जितना मानसून से घिरा काला द्वीप बारिश की सारी संभावनाओं से रीता अभिशप्त जैसे सिर्फ उड़ने के लिए हल्की,काली,गन्दी हवाओं में; […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।