पुस्तक समीक्षा……… पुस्तक का नाम—वूमन आवाज़ (भाग २) संपादक– श्रीमति शिखा जैन प्रकाशक—संस्मय प्रकाशन, इंदौर, मध्य प्रदेश पृष्ठ ७२ रचनाएँ ६५ विधा–गद्य एवं पद्य        “ये आवाज़ है हर नारी की” “ईश्वर का सर्वश्रेष्ठ सृजन, इस सृष्टि पर है नारी। सर्वगुणी, सम्पन्न, सुसज्जित, प्रति नर पर वह भारी।। […]

वे बड़े करुण हैं उन्हें दर्द होता है यदि पिल्ला भी आ जाये उनकी गाड़ी के नीचे। गाय तो पूजनीय है उसके लिए जान भी लेने में नहीं हिचकते धर्म की रक्षार्थ। राजनीति मे बहुत छोटी बात होती है आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या यदा कदा। […]

             शत-शत नमन…,             भारत में हो अमन…। सागर तेरे चरण पखारे रक्षक बन पर्वत संहारे, नित-नित हम शीश झुकाते…॥ वृक्ष जहां अम्बर कहलाते हरियाली बन धरा सजाएं, क्यूँ न हम शीश झुकाएं…॥ पावन माटी सोना उपजाती खलिहानों से भूख […]

तीज ना कोई त्योहार, न ही ढोल-मल्हार होली,राखी न दीवाली, रोज मनाते ये उत्सव..॥ कोई बंधन न कोई मन्नत, कदम-कदम मिलाएं हरदम हँसना और हँसाना मीत जैसा ये उत्सव..॥ मोड़ एक यहीं चौखट, याद आता गाँव-चौपाल हौंसला अपना राह नई, क्यों न फिर मनाएं उत्सव..॥ रंजो-ऐ-गम कभी नहीं, न वक्त […]

अपनी आदतें, स्वयं की मांग,मोहलत,स्वभाव,व्यवहार… शेष नही रहता…? शामिल करते नहीं ओरों की चाह वो फिक्र किसी की परवाह.. खुद-से-खुद उलझे रहते दिखती नहीं कोई डगर… बदलाव नहीं अपनाते, नजरों से बेखबर रहते… ओरों के बेरंग नजारे रंगीन वो लगते खटास भरी महफिल खुद के सप्तरंगों को हराते या..स्वयं से […]

रातें आजकल.. आंतकी…. पथरीली और जहरीली भी हो चली, इन्हीं रातों की सुखद हवाएँ.. अचानक ही बैचेन करती, तीली सुलगाती…। दूभर जीना सहती, कांपती धड़कनें.. रोज सुनाती साँसें कैसा अनायास भय, एक चीत्कार… माहौल नया बनाती जिएं तो कैसे ..? मुश्किल बड़ी…। कब तलक रोके कोई चलती राहों का यूँ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।