असामान्य 

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ramkishor mehata
वे बड़े करुण हैं
उन्हें दर्द होता है
यदि पिल्ला भी
आ जाये उनकी गाड़ी के नीचे।
गाय तो पूजनीय है
उसके लिए
जान भी लेने में नहीं हिचकते
धर्म की रक्षार्थ।
राजनीति मे
बहुत छोटी बात होती है
आठ साल की बच्ची के साथ
बलात्कार और हत्या
यदा कदा।
सैनिक तो होते ही इसलिए हैं।
एक ‘संख्या ‘ से अधिक
अर्थ नहीं रखता उनके लिए
सैनिकों का शहीद हो जाना।
उनका कहना है कि
इसमें नया क्या है ?
सामान्य सी बात है
किसानों का आत्महत्या करना
अमरीका में भी ।
उनके लिए
असामान्य केवल इतना है
कि हिम्मत जुटा कर,
सर उठा कर
अपनी बात कहने लगे हैं लोग।
परिचय :
नाम:- राम किशोर मेहता
विधाऐं
1व्यँग्य  एकाकी 2 नाटक 3 व्यँग्य
4 कविता – नई कविता, गीत, नवगीत, दोहा , कुण्डली , हाइकु, ग़ज़ल 4 लघुकथा 5- कहानी
6 उपन्यास 7- निबंध 8-अखवार में नित्यप्रति काॅलम 9-अंग्रजी से हिन्दी में अनुवाद 10-समीक्षा
पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन आकाशवाणी जबलपुर और अहमदाबाद एवं दूरदर्शन भोपाल से प्रसारण
प्रकाशित पुस्तकें
एकांकी संग्रह- प्रजातंत्र का चौथा पाया ‘मुफ्त का मुर्गा’ ,’पात्र मुखौटा नौंचते हैं’
नाटक – धम्मघोष( ऐतिहासिक ) ,राख के बीज (ऐतिहासिक), अतिक्रमण( सामाजिक) ‘ चार लोकधर्मी नाटक।
व्यँग्य संग्रह- वायदों की आधुनिक दुकान, भगवान बचाए उधार मांगने वालों से ,पग में चाकी बाँघ कर…….,  ………हिरना कूदा होय  , 
कविता संग्रह-गिद्धभोज,  चुप कब तक, पिघलते पात्र से  प्रतीक्षा नही करता समय, अंधेरे का समाजवाद, जोखिमों के घेरे में, बहर से बाहर (ग़ज़ल संग्रह)
उपन्यास – पराजिता का आत्मकथ्य, प्रतिशोध का अनहदनाद , वह अंतिम संघर्ष नहीं था।
निबंध संग्रह – कन्याभ्रूण हत्या और गायब होती 
                      लड़कियाँ।
पुरस्कार /सम्मान
1.मध्य प्रदेश आँचलिक साहित्यकार परिषद जबलपुर द्वारा 1994 में ‘दिव्य ‘ सम्मान।
2.महाकौशल साहित्य एवं संस्कृति परिषद द्वारा 2001-02 में भारत भारती  सारस्वत सम्मान
3 साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा नाटक”‘ धम्मघोष ‘ पर 2001- 02 का हरिकृष्ण प्रेमी पुरस्कार।
पता  बोपल, अहमदाबा(गुजरात)
 

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