इंदौर।  ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’, इंदौर एवं साहित्यिक संस्था ‘क्षितिज’ के तत्वावधान में मातृभाषा दिवस पर राष्ट्रीय परिचर्चा एवं संगोष्ठी का आयोजन मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति में २१ फरवरी गुरुवार को समय १ बजे से होगा। जिसमें मुख्य अतिथि पतंजलि योगप्रचारक प्रकल्प के प्रमुख स्वामी विदेहदेव जी हरिद्वार से उपस्थित रहेंगे। […]

मैं विहर्ष हूँ, मैं प्रकर्ष हूँ, संघर्षों में विजय हर्ष हूँ || आसमान छूने की हिम्मत, *आशाओं का नया वर्ष हूँ ||* दिग्-दिगन्त में फैल रहे हैं, भीषणता के परमाणु, काल खड़ा है मुँह फैलाये, खाने जग के बीजाणु || विध्वंसों के पैर उखाड़े, उल्लासों का नव विहर्ष हूँ | […]

जीवन में कम से कम एक बार प्यार कीजिए, ठंड हो या न हो, उजाला हो या न हो, अनुभूतियां शिखर तक जाएं या नहीं, रास्ता उबड़-खाबड़ हो या सरल, हवायें सुल्टी बहें या उल्टी बहें, पगडण्डियां पथरीली हों या कटीली, कम से कम एकबार दिल को खोल दीजिए। तुम्हारी […]

स्टेचू ऑफ यूनिटी के पीछे छुपा हुआ एक मोटा सा चूहा बार बार आता है और भारत के नक्शे को कुतर कर चला जाता है गांधी की तश्वीर के पीछे की छिपी छिपकली भी अब मगरमच्छ हो गई है। कीट पतंगे खाने वाली अब तो पूरा आदमी खा जाती है […]

घनघोर तिमिर चहुँ ओर या हो फिर मचा हाहाकार कर्मो का फल दुखदायी या फिर ग्रहों का अत्याचार प्रतिकूल हो जाता अनुकूल लेकर बस आपका नाम आदि पुरुष, आदीश जिन आपको बारम्बार प्रणाम॥१॥ आता जाता रहता सुख का पल और दुःख का कोड़ा दीन-दुखी मन से, कर्मो ने जिसको कही […]

बात ये नही बहुत पुरानी, आओ सुनायें पेड़ो की कहानी. जंगल ,पेड़ कटे तो, धरतीका श्रंगार उजडा, नीरसता छाई  धरती में, मानो वैधव्य सा हुआ मुखडा. धरती हो गई  उदास, छाया खत्म हुई आसपास. सूरज के तेवर बदले, धरती पर वो आग उगले. सूरज की गरमी को अब कौन सोखे, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।