जंगल राज

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स्टेचू ऑफ यूनिटी के
पीछे छुपा हुआ एक मोटा सा चूहा
बार बार आता है
और भारत के नक्शे को कुतर कर चला जाता है
गांधी की तश्वीर के पीछे की छिपी
छिपकली भी अब मगरमच्छ हो गई है।
कीट पतंगे खाने वाली अब तो
पूरा आदमी खा जाती है
और तो और उसके बाद फिर इसे डकार भी नहीं आती है।
गाय के गोबर में छुपा गुबरैला भी
चुपके से  बाहर आता है
और धर्म की आग को मुंह में दबाकर
‘निबरे’ के छप्पर में घुस जाता है।
संविधान की किताब में छुपा हुआ झींगुर
उसके पन्नों को ही खा रहा है
पर उसे मारना तो दूर
उसे छूने से भी लाइब्रेरियन घबरा रहा है।
गोधन छुट्टा हैं
पर गोमूत्र भी बिकाऊ है
बांटो और राज करो वाला नुस्खा
जितना पुराना है उतना टिकाऊ है।
कुछ भेड़िये सफेद कपड़ो में
वोट मांगने आये हैं
जो भेड़ो और बकरियों के पाँव छू रहे हैं
 मेमनों को दुलरा रहे हैं।
और उन्हें शेर बना देने के के सपने दिखा रहे हैं।
चप्पा चप्पा विदूषकत्व से परिपूर्ण है
बस एक आदमी है जो हर जगह अपूर्ण है।।।
#चित्रगुप्त 

matruadmin

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