तेरा परिचय जानूगाँ अब’ दूर कहीं सम्बन्धों से। मैंने तुझको मुक्त कर दिया’ प्यार भरे अनुबंधों से। पूछ रही मेरी जिज्ञासा’ मधुमय मिलन कहाँ पर होगा। पूछ रही है प्रीत ये प्यासी’ निर्मल जलधि कहाँ पर होगा। हम प्रेम नगर का पता पूछते’ फिर सावन के अँधों से। मैंने तुझको […]

चाँद की चांदनी हो तुम, सूरज की रोशनी हो तुम सितारों की चमक हो तुम, चूड़ी की खनक हो तुम। सावन की फुंहार हो तुम, प्रीतम का प्यार हो तुम कस्तूरी की महक हो तुम, चिरैया की चहक हो तुम। फूलो में गुलाब हो तुम, सुबह का ख्वाब हो तुम […]

हम मंदिरों में जा-जाकर देवता पूजते रहे। गली के मोड़ पर खड़ा आदमी काम आया मुझे। चलो हम अब दीदार को चलते हैं उनके। शाम को दिया वो रखने मड़िया पर आएंगे। उन पौधों के फूल सजे हैं आपके जूड़े में। ये पौधे कुछ वर्षों पहले हमने ही तो रोपे […]

‘थानेदार साहब’ सेवानिवृत्ति पाते ही इन्सान बन गए। ‘नेता जी’ चुनाव जीतते ही हेवान बन गए। ‘शासकीय चिकित्सक’ ड्यूटी समाप्त होते ही दुकान चलाने लगे। जनतंत्र के वृक्ष पर बैठकर परिन्दे आजादी मनाने लगे ॥                               […]

हम तो एक किसान हैं यारों, भीतर  लहूलुहान  हैं  यारों। बखरी  बाहर   खड़ा  ट्रैक्टर , कर्जे  का  तूफान  है  यारों। चार साल प्राकृतिक आपदा, फसलों का बलिदान है यारों। राहत चेक के चले सिलसिले, तहसीलदार धनवान हैं यारों। फसलों के फिर दाम गिर गए, मंडी  फिर  सुनसान  हैं यारों। […]

माँ तेरे आँचल में वो क्या जादू है, धूप में छाया ये कैसे देता है। ठण्ड से जब भी हुआ वेकाबू मैं, गर्मी ये मखमल-सी कैसे देता है। जी करता है लिपटकर जानूं तो, खुशबू ये आँचल की कैसे देता है। माँ तेरा आँचल है कल्प वृक्ष-सा, शीतल हवा,वो छाँव […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।