गाँव से उतर की और जाने वाली सड़क पर करीब 2 किमी की दूरी पर सडक के किनारे से लगभग तीन मीटर के फासले पर एक दलित शहीद की प्रतिमा है ! यह प्रतिमा उस दलित शहीद की शमशान पर बनी हुई है !अवकाश में गाँव आये दारोगा जी सुबह […]

चिड़ीमार मत काँव काँव कर, काले काग रिवाजों के। वरना हत्थे चढ़ जाएगा, मेरे  उड़ते  बाज़ों के। बुज़दिल दहशतगर्दो सुनलो, देख थपेड़ा ऐसा भी। और धमाके क्या झेलोगे, मेरे यान मिराजों के। तू जलता पागल उन्मादी, देख भारती साजों से। देख हमारे बढ़े कदम को, उन्नत सारे काजो से। समझ […]

लापसी न नुंगती खा रिया , और खा रिया दाल पूड़ी । किकर गला सु कव्वो उतरे , टूटे जद किणरी चूड़ी ।। मौसर रा चटकारा लेवो  , खूब दबा न जीमण जीमो । आधी उमर में बापू मर गियो , कोणी करवायो उणरो बिमो ।। घरका रो रिया घणा […]

अनुशासन के साथ में जीवन, जीना बहुत जरूरी है। समय साधकर चले निरन्तर, होगी आशा पूरी है।। कदम कदम से ताल मिला लो, राह बना लो अपनी तुम। धीरे चलना थक मत जाना, वरना हस्ती होगी गुम।। लगे रहो का भाव तुम्हारा, निश्चित फलकारी होगा। डटे रहोगे हटो नहीं तो, […]

हाथ की लकीरो के भरोसे , सुनो ,कभी तुम मत रहना । ये सब कहने की बातें , मन में वहम तुम मत रखना ।। मेहनत का फल मिलेगा जब , पसीना परफ्यूम ज्यूँ महकेगा । खून-पसीना लगेगा तब , भाग्य अपने आप चमकेगा ।। भाग्य का निर्माण स्वयं करेंगे […]

अब नहीं , रहा विश्वास , सब के सब है , धोखेबाज़ । मुँह में राम , बगल में छुरी , गिराते , एक दूजे पे गाज़ ।। कैसे करे , विश्वास ,बताओ , छल-कपट , का साया है । चाहे , कुछ भी हो जाए पर , चाहिये , […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।