देखो आजकल के हालात पूछता है दिल ,पूछती है निगाहें ना जाने कितने सवाल टिक नहीं पाती आईने के आगे नजरें चुरा लेती हूँ अंदर दबाना चाहती हूँ आवाज फिर भी जाने कैसे छलक जाते हैं आंसू एक-एक बूंद से उभर आए अपने दबे हुए जज़्बात कहां छिपूं जाऊं कहां […]
कुछ रिश्ते होते है खास से, फूलों जैसे नर्म नाजुक अहसास से। उन्ही में से है एक तेरा मेरा, तू बहन है मेरी मैं भाई हूँ तेरा। जीवन के हर मोड़ पर मैं तेरा साथ दूंगा, कभी नही तेरा विश्वास तोडूंगा। कभी नाराज ना होना मुझसे, मेरी गलतियों को माफ […]
महबूब मेरा छेड़े दिल के तार रंगों से तूं खेले करे सोंलह श्रृंगार रोते को हंसाए तूं अंधकारों को चीर सुबह का प्रकाश लाए तूं, तूं ही नदियों में सुर ताल छेड़े,समुद्र में तबला बजाए तूं गुरुद्वारों से निकले वीणा की वानी मंदिरों में घंटियाँ बजवाए तूं लहरों से उठती […]
आ गए वापिस मेरे वतन के हीरो करके पाकिस्तान दहन बिल्कुल वैसे जैसे हनुमान ने किया लंका दहन मेरे देश केअभिनंदन गए तोड़ के सीमाओं के बंधन तहस नहस किया दुशमनों को घर में उसी के गा रहा देश सारा वंधन और कर रहे हमारे रघुनंदन का अभिनंदन बांहो में […]
बसंत के रंग हुए ऐसे मेरे अंग संग, बदली मौसम ने चाल पेड़ों पर आए रंग बिरंगे फूल हुवा वातावरण सतरंगा खुशहाल। लहर उठी सरसों की सुनहरी बालियां पेड़ पौधों में आ गई नई कलियां खिलने को रही मचल बसंत ने लाया, रंग रूप उनमें अचल। हरी हरी डालियां ऊपर […]
लहरें थी समुद्र की बहुत विशाल न झूका वह उनके आगे खड़ा रहा तान कर सीना चाहा, लहरों से जीतना देख मनु की इस अदा को समुद्र मंद-मंद मुस्काया कहा कान में लेहरो की उसने और हुई पहले से अधिक विकराल अब डगमगाया मनु उससे खुद को उस तीव्रता से […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।