ईश्वरीय ज्ञान की आबू धरा पर असंख्य अज्ञानी तर जाते है विद्योत्तमा सरीखी बहनो से कालिदास महाकवि बन जाते है परमात्मा नियंत्रक है यहां के स्व परिवर्तन वे करवाते है ईश्वरीय वाणी का रसपान कराकर पतित से पावन बनाते है जाति धर्म का यहां भेद नही सब धर्मो से लोग […]

#ज़ख्म_है_तो_लाज़मी_है_दर्द_होना बेशक़ दिखते नहीँ.. #दर्दे जिग़र पे एहसासों की परत जो लगी है यादेँ हैँ तो लाज़मी है अश्कों से धोना  सूख जाते हैँ कुछ नासूर_ए_ज़ख्म   बस चंद बूँदों से धोने पड़ते हैँ     रिसते रहते हैँ ….कतारों में वो #दर्द जो लम्हों में ठहरे रहते हैँ ज़िस्मों_जाँ […]

जय-जय हो भारत राष्ट्र की, जय-जय हो हिंदुस्तान की। जय  जवान-जय किसान, जय-जय हो विज्ञान  की॥ स्वागत-वंदन-अभिनंदन है, जयकार हमारे गणराज की। हर्षित है जन-मन चहुँओर, गणतंत्र शान है हिंदुस्तान की॥ जय हो छब्बीस जनवरी की, जय हो राष्ट्रीय पर्व के गर्व की। तिरंगे की खातिर लगा दे जहां, सपूत […]

हैं भारत की शान बेटियाँ, गीता और पुराण बेटियाँ। सागर की लहरों-सी मंजुल- नम्र नमित मुस्कान बेटियाँ। गंगा की लहरों-सी कोमल, मानस की रचना-सी निर्मल। सदा सुमंगल बेला पावन- नित अधरों की गान बेटियाँ। कल्पलता-सी मंगल माया, रहती जिनके आँगन छाया। लक्ष्मी विद्या-सी वरदानी- सद्ज्ञानी शुचिमान बेटियाँ। सीता राधा गार्गी […]

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(म.प्र.शासन की शाला सिद्धि योजना पर केन्द्रित) उत्कृष्ट विकास योजना हो शैक्षिक नवाचार भरपूर हो। जिससे सीखें सभी बच्चे, हमारी शाला ऐसी हो॥ आकर्षक शाला परिसर हो, भयमुक्त वातावरण हो। बच्चों संग रिश्ते ऐसे बुनें, कि आनंदमय हर पल हो॥ साफ-स्वच्छ परिवेश हो, सबसे अलग गणवेश हो। ऐसा पढ़ने का […]

सुबह-सुबह चूहा, सेंक रहा था धूप। बिल्ली मौसी ओढ़, कर कंबल बैठी थी चुप॥ कुत्ता तान रहा था, अपनी टेढ़ी पूंछ। देखकर बिल्ली मौसी, ने लगाई दौड़ खूब॥ चूहे ने खैर मनाई जीभर के खाई गुपचुप। मौसी और कुत्ते के बैर से चूहा नाचा होकर खुश॥         […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।