मैं वो सूखे दरख़्त का ठूँठ हूं, जो औरों के बहुत काम आया । पड़ा हूं आज मैं बीच राह में, ठोकरों का सिर पे इल्जाम आया। जब तक जुड़ा रहा मैं जड़ों से, अपने में जहां समेटे खड़ा था । बदले कई मिजाज मौसम ने, […]
जी लिया मैं बहुत दुनिया के लिए, अब अपने लिए जीना चाहता हूं । ऐ जिंदगी चल दूर बहुत दूर कहीं, अब मैं गुमशुदा होना चाहता हूं । देखी मोहब्बतें, नफरते रिश्तों की, देखी दुनिया की दुनियादारी भी । देखी मतलबी, फरेबी जालसाजी, देखी यारी ईमान और खुद्दारी भी। उलझी […]
अपना समझ कर किया था एतबार, आज वो ही खून के आंसू रुला गया। क्या गिला शिकवा करें औरों से हम, कोई अपना ही आशियां जला गया । उम्मीद नहीं थी कुछ सपने में भी, कोई अपना ही दुनिया हिला गया । जीवन की इन बासंती फिज़ाओं में, कोई अपना […]
तन और मन की रहे स्वस्थता तो, जीवन भी सदा स्वस्थ बन जाता है । स्वास्थ्य सुख है सर्वोच्च जगत में, पहला सुख निरोगी काया कहलाता है। पुरातन संस्कृति ने सिखाया हमें, स्वस्थता सफलता की कुंजी है । विरासत में मिले हमें ध्यान योग, जीवन की सबसे […]
टूटा हूं आज हालातों से, मगर झुका नहीं हूं मैं । थका हूं उलट हवाओं से, मगर रुका नहीं हूं मैं । माना कश्ती मेरी टूटी है, और दूर बहुत किनारा है। किस्मत भी मेरी रूठी है, नहीं कोई और सहारा है । बढ़ा जा रहा हूं मौजों पे, […]
ऐ यार ना कर भरोसा इतना भी, अक्सर भरोसे टूट जाया करते हैं । जो रहते हैं दिल के बहुत करीब, वो ही अक्सर रूठ जाया करते हैं । विश्वास पर गुजारी मैंने तो जिंदगी, फिर भी लोग राहों में धोखा दे गए । जिन पे था रब से भी […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।