आन-बान-शान बढ़े,भारत का मान बढ़े, मंगल यह राष्ट्रहित आने वाला साल हो। जाति,धर्म,कौम,दल तेरा हो अलग चाहे, कौमी एकता की पर सुंदर मिसाल हो। हो सशक्त देश और तेज ये विकास करे, सैन्य बल पहले से और भी विशाल हो। फैले हरियाली और सब ही निरोगी रहें, नर-नारी,बच्चे-बूढ़े,देश खुशहाल हो॥ […]

तुम्हीं में बसा काशी काबा, तुम्हीं में गुरुद्वारा है। तुम्हीं में मेरी अयोध्या नगरी, तुम्हीं में नाथद्वारा हैll    तुम्हीं से निकलती गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती। तुम्हीं में बहती वात्सल्य रूपी, अमृत धारा हैl तेरे दोनों चरण बद्री और केदार, माँ  उसी में बसा मेरा पूरा संसारll    आँखें खुली तो तेरा दर्शन पाया, […]

गुजर गए जो दिन वापस लौट के आ जाओ। बहुत परेशानी है बड़े होने में, मुझे फिर से बचपन में ले जाओ॥ मुझे याद आती है , दादी की कहानी की। दादा की मेहरबानी की, पापा के प्यार की माँ के दुलार की॥ मुझे याद आती है, कागज की कश्ती […]

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गूँज उठी कानों में, अजन्मी बेटी की आवाज। एक बार तो बतादो ना, मुझको मारने का राज॥ क्या? खता हुई मुझसे, या हो गई मुझसे नादानी। अपने होकर क्यों? कर रहे, हो मेरी खतम कहानी। हाथ जोड़ विनती करती, सुन लो दिल की आवाज। गूंज उठा कानों में……॥ मैं तुम्हारा […]

धीरे-धीरे कई नकाब,चेहरों से उतर गए। धीरे-धीरे कई बरस जीवन के,चूहे कुतर गए॥ बढ़ता गया दर्द न राह मिली,न राहत ही मिली। जीवन की उहापोह में,कभी इधर  कभी उधर गए॥ सूरज की तपती रश्मि ने कभी जगाया था हमें। लेकर चाँद को बाँहों में,सूनी राहों से गुजर गए॥   #दशरथदास बैरागी […]

  यह जीवन बड़ा अलबेला है,अपनों का यहाँ झमेला हैl यहाँ नित काफिले सजते हैं,आदमी फिर भी अकेला हैll इस धरती पर जब तू आया,देखा तन्हा तू रोया हैl भाँति-भाँति के रिश्ते बना,अजब-सा खेल खेला हैll यह जीवन बड़ा………..l   जिसने भी तुझको जन्म दिया,पाल-पोसकर बड़ा कियाl जब बुढ़ापा आया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।