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पंचतत्व ही है, हर जीव का जीवन का आधार अस्तित्व है। पंच तत्वों से ही जीवन का निर्माण, सभी का होता है। जीवन का अन्त भी पंच तत्वों में होता है। बच्चे जब पैदा होते हैं, घर-परिवार में सभी को, खुशियाँ देकर हंसाते हैं। पंच तत्वों को पाकर, हंसी-खुशी जीते […]

प्यार में उम्र का अनुभव सब कुछ सिखा देता है, जीवन में किसी का प्यार भी बहुत कुछ सिखा देता है। पत्नी का प्यार सच्चा श्रेष्ठ निस्वार्थ अपनापन भरा होता है, प्यार तो बस प्यार होता है जब किसी से होता है। बहुत ही प्यारा लगता है प्यार का नशा […]

उनसे जीत हो नफरत में तो हार मोहब्बत में अच्छा, बेगानेपन के भावों से संसार मोहब्बत में अच्छा। चाहा है उनको लेकिन सम्मान,आन और मान भी है, झुक जाए बेवजह ये सर तकरार मोहब्बत में अच्छा। कद्र तेरे जज्बातों की है, पर क्या मेरे भाव नहीं हैं। चुप रहने से […]

रेलगाड़ी का सफर, सुन्दर सुहाना मनभावन लगता है। कोई साथी मिल जाए सफर में, सुहाना कटता है। सफर में कभी-कभी, कोई हमसफर मिल जाता है। रेलगाड़ी का सफर बस बात-ही-बात में निकल जाता है। कोई हमसफर हो, कोई हमउम्र हो। नैनों के इशारो से, ही बात हो जाती है। कभी […]

मिट्टी का दीपक, मिलकर सजाएं। सभी मिल करके, हम दीपक जलाएं। खुशियों का दिन है, खुशियाँ मनाएं। दिवाली आई है, दिवाली मनाओ। खुुशियों से मिट्टी, के दीपक जलाओ। दीपक जलाकर, दिवाली मनाओ। घर के हर कोने में, दीपक जलाते छत और मुंडेर पर, दीपक हैं रखते। तुलसाने के चारों, तरफ […]

वेदनाओं में मधुर मुस्कान लिखता हूँ, नफरतों में प्रेम का मैं गान लिखता हूँ। ऐ मेरे खाक-ए-वतन तू रुह है और जान मेरी, शौर्य गाथा में तेरे मैं जमीं आसमान लिखता हूँ। भाव विश्व वन्धुत्व का है दिल-ए-जर्रो में तेरे, सत्य,अहिंसा,प्रेम,दया का मैं आन लिखता हूँ। है ‘शिवम्’ ख्वाहिश मेरी,हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।