Read Time1 Minute, 38 Second
उनसे जीत हो नफरत में तो
हार मोहब्बत में अच्छा,
बेगानेपन के भावों से
संसार मोहब्बत में अच्छा।
चाहा है उनको लेकिन
सम्मान,आन और मान भी है,
झुक जाए बेवजह ये सर
तकरार मोहब्बत में अच्छा।
कद्र तेरे जज्बातों की है,
पर क्या मेरे भाव नहीं हैं।
चुप रहने से क्या होगा,
इजहार मोहब्बत में अच्छा।
मन-मन्दिर में मूरत तू,
है दुआ इबादत प्रेम मेरा।
सर सजदा करना ही है,
प्यार में मोहब्बत में अच्छा।
गर समझे हम-एक दूजे के
भावों को तो अच्छा होगा
शिवम् समर्पण सच्चा हो,
इकरार मोहब्बत में अच्छा॥
#शिवानंद चौबे
परिचय: शिवानंद चौबे की जन्मतिथि-१२ अगस्त १९९० है। आपका वर्तमान निवास राज्य उत्तर प्रदेश में ग्राम महथुआ (जिला-भदोही)है। समाजशास्त्र में एम.ए. के बाद अभी एमबीए(त्रिपुरा) जारी है। कार्यक्षेत्र-शिक्षण ही है। उपलब्धि यह है कि,नेहरू युवा केन्द्र में राज्य प्रशिक्षक( भारत सरकार) हैं। राष्ट्रीय भाषण प्रतियोगिता में जिला स्तरीय विजेता रहे हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-सबके
बीच सदाचार और प्रेम बनाए रखना तथा समाज हित की बात सामने लाना है।
Post Views:
585
Tue Nov 14 , 2017
जब तक मन में चाह थी, तब तक मिली न राह। राह मिली अब तो नहीं, शेष रही है चाह॥ राम नाम की चाह कर, आप मिलेगी राह। राम नाम की राह चल, कभी न मिटती चाह॥ दुनिया कहती युक्ति कर, तभी मिलेगी राह। दिल कहता प्रभु-भक्ति कर, मिल मुक्ति […]