कवि हो ना तूम तो लिखो ना देश की व्यथा जुल्मों की कथा मंदी की मार खत्म होते रोजगार गरीबी की कहानी बाढ का पानी हिंसा की घटनाएं दलितों पर यात्नाएं धर्म के नाम अधर्म संतों के नीच कर्म बच्ची से बलात्कार इंसाफ की चीख पुकार शिक्षा का होता धंधा […]

करोडो रूपयो खर्च कर मुर्ती बनाने वालो कुंभ के नाम पर अरबो खरबो बहाने वालो देश की जनता शिक्षा,चिकित्सा को तरस रही अरे वो मंदिर-मस्जिद पर पैसा लुटाने वालो। कुछ सीख भी लेते केजरीवाल की सरकार से कचरे की ही अक्ल है क्या कचरा उठाने वालो कभी हाल बाढ़ पिडितो […]

बहुत कुछ बदलाव की जरुरत है अब अन्याय से टकराव की जरुरत है अब। कब तक हाथ जोडे सिर झुकाये रहोगे गुलामगिरी से उठाव की जरुरत है अब। जो कमजोर है उसी को सताती है दुनिया तुमको भी तो प्रभाव की जरुरत है अब। ऐसे ही आक्रोश को पनपने दो […]

साहित्य की गरिमा को नोटों मे तौला है धन कमाने के लिये नया धंधा खोला है। कविता के नाम पर कलाकारी चल रही कव्वों ने अब कवियों का पहना चोला है। हर मंच पर वो अपना बंदा चला रहे है कविता के नाम पर वो धंधा चला रहे है। कहीं […]

ले देके सब सुफडासाफ हो जाना है उनका हरेक गुनाह माफ हो जाना है। गरीब न्याय मांगने जायेगा जरुर मग़र जिधर पैसा ऊधर इंसाफ हो जाना है। सत्ता मे बैठे है उनके पहचान के लोग ग़लत काम भी अपनेआप हो जाना है। अंधश्रृद्धा हद से ज्यादा जब बड जाये विज्ञान […]

कर कर के में थक गया जीवन भर काम। सबको व्यवस्थित करके किया अपना काम। जब आया थोड़ा सा मौका मिल ने को आराम। तभी थमा दिया मुझे एक प्यारा सा पैगाम। जाकर तुम अब देखो पुन: एक नया काम। वाह री मेरी किस्मत और वाह रे मेरा नसीब। कभी […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।