शब्द बड़े अनमोल हैं रखिए इन्हें संभाल मन को तनिक न ठेस लगे बिना पंख उड़ जाय। पन्नों में शब्द चुनकर उतारिए वो अनमोल मोती बन जाय। समझने की भाव राखिए हकीकत से परिचय होय चंद लफ्जो में ही मन का दर्पण खोल । शब्दों की ताकत पहचानिए धार कभी […]

गलियों में लुटती है इज्जत,  रोज-रोज ही नारी की | कहीं जला कर फेंकी जाती,  दुर्गति है बेचारी की | सत्ता के शीशे पर चेहरा,  देख-देख तुम मुस्काते |  ताज सजाया सिर पर तेरे,  पीट-पीट माथा पछताते |  जाति-धर्म का विष फैलाना , तुम लोगों का व्यापार बना |  सत्ता […]

देश के वीर जवानों ने अपनी भारत मां की शान बढ़ायी है । जब-जब बूरी नजर दुश्मनों ने डाली है वीर जवानों ने उनकी अच्छी से बैंड बजायी है। चाहे युद्ध हो या हो वोर्डर बूरा करोगे तो चलेगा बूलडोजर। अब न कोई फिक्र होगा फिजाओं में केसरिया और हरा […]

प्राणों से प्यारा झारखंड है हरा कुदरत की सुन्दरता कूट-कूट कर भरा ऊँचे नीचे खेत टेढे मेढे पगडंडियों से भरा प्राणों से प्यारा झारखंड है हरा। चमक विखेर रहा लाल- लाल पलाश और हरे भरे जंगल ऊँचे लिप्टस और घने काले बादल पहाडियों से भरा प्राणों से प्यारा झारखंड है […]

मन बहुत व्यथित है। महिलाओं पर मैं अति शीघ्र नही लिखता। और न ही आज लिखना चाह रहा था।माताओं बहनों क्षमा करना। मैं बहुत दिनों से इस समय महिलाओं को कुछ ऐसे विषय पर लिखते देख रहा हूँ। बहुत बुरा लगता है। लिखेंगी फलाना फलाना, धमाका,  यह हमारा अधिकार है,हम […]

चंदा मामा थे जो बचपन में अब वह जानू प्रियतम हो गए। किस्से वह बिक्रम बेताल के व्यभिचारी डाल पर सो गए।। सार्थकता वह पंचतंत्र की फिल्मों में अब समा गई। सुन्दर सुशील परियां अब छली भयानक रूप दिखा गईं।। अलाउद्दीन का चिरागी जिन्न असभ्य पत्रिका से डर गया। बीरबल […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।