तुम्हारी आँख का काजल, हजारों कत्ल करता है। किसी का दिल मचलता है, कोई बेमौत मरता है। तुम्हारे नयन कजरारे, मधुप से चूसते रस को, सभी का दिल तुम्हारे सामने, पानी-सा  भरता है।।                                    […]

  चेहरे पर झूठी मुस्कान,ख़ंजर छुपाए बैठा हूँ। मैं आज का इंसान हूँ,घात लगाए बैठा हूँ॥ सम्भलना,सम्भलना मुझसे तुम्हारी जिम्मेदारी है। मैं तो अखबार में भी क़त्ल छुपाए बैठा हूँ॥ मसला कुछ यूँ है आजकल मेरे वतन भारत में। मैं भारत को हिन्दुस्तान बनाए बैठा हूँ॥ कुछ लोग खफा होंगें, […]

भारत में रहते हो फिर क्यों, कहते हो डर लगता है । शायद चोर तुम्हारे मन का, अब तक लगता जगता है॥ हिन्दू का है देश इसी से, हिन्दुस्तान कहाता है। धर्म-द्वेष का भाव तजो सब, हिन्दू धर्म सिखाता है॥ मूर्त अमूर्त सभी पूजन विधि, इसमें पाई जाती हैं। इसीलिए […]

माँ भाई के साथ छोड़कर, मुझको चली गई थी। कुछ दिन के ही बाद खबर थी, बेबस छली गई थी।। बीमारी ने ऐसा जकड़ा, भूल गई वो सबको। खबर अचानक चलकर आई, और मिल गई मुझको।। बहुत विवश हो दृग प्रपात झर, जोर प्यार ने मारा। माँ दर्शन को तड़प […]

नमन प्रातः की सबसे करता, सब मन से लेना स्वीकार। भेदभाव अरु द्वेष भुलाकर, आपस में सब करना प्यार।। मैं तो अकिंचन कर को जोड़े, आता सबके उर के द्वार। मात-पिता के चरण चूम के, करता हूँ सबका सत्कार।। गुरुजन प्रियजन उर मैं बसते, इनको नमन हजारों बार। वीणावादिनी वंदन […]

धर्म बस एक ही है,करे उपकार सदा; हिन्दू धर्म आपस में,हीय मिला रहा। पूजन विधान भिन्न,मंदिर मस्जिद चिन्ह: चर्च गुरुद्वारा को भी,मान दिला रहा। धर्म है सिखाता हमें,सुनो मेरे देशवासी; संविधान वो नहीं जो,मांस खिला रहा। धर्म निरपेक्षता की,बात करते हैं सभी; भारत का संविधान,देश हिला रहा।।       […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।