प्रातः नमन

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koushal aas

नमन प्रातः की सबसे करता,
सब मन से लेना स्वीकार।
भेदभाव अरु द्वेष भुलाकर,
आपस में सब करना प्यार।।

मैं तो अकिंचन कर को जोड़े,
आता सबके उर के द्वार।
मात-पिता के चरण चूम के,
करता हूँ सबका सत्कार।।

गुरुजन प्रियजन उर मैं बसते,
इनको नमन हजारों बार।
वीणावादिनी वंदन तुझको,
तार-तार अब दो झंकार।।

‘आस’ लगाए द्वार खड़ा हूँ,
आप सभी मेरा संसार।।

                                                                 #कौशल कुमार पाण्डेय ‘आस’

परिचय : कौशल कुमार पाण्डेय ‘आस’ की  शिक्षा एमकाम,एमएड सहित साहित्याचार्य भी है। आप पीलीभीत(उ.प्र.) के बीसलपुर में रहते हैं। विधा की बात करें तो,गीत, मुक्तक,छंद,गजल लिखते हैं। कई सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक,साहित्यक एवं धार्मिक संस्थाओं में दायित्व पर हैं। आपके रचित कालसेन चालीसा व सप्तक प्रकाशित हुए हैं तो,कुछ पुस्तकों का सम्पादन भी किया है। साथ ही कवि सम्मेलन व क्षेत्रीय गोष्ठियों में सहभागिता भी करते हैं। कई विद्यालयों व संस्थाओं से सम्मान पत्र मिले हैं।

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