जिन्दगी नहीं है किसी पतंग से कम, आकर उड़ा लो अगर हो दम-खम। आओ पतंग से जिन्दगी के फलसफे को समझते हैं, बताते हैं उन्हें इसकी रंगत जो इसे बकवास समझते हैं। पतंग में भी होती है जातियां-नर और मादा, ढग्गा या ढांच पाता है पुरूषों-सा मान ज्यादा। तुक्कल […]
पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे.अब्दुल कलाम कृतज्ञ राष्ट्र का स्वीकारो विनम्र सलाम, जमीन से उठे,आसमान पर छा गए श्रम और प्रतिभा के बूते कहां से कहां आ गए। अति साधारण नाविक पिता के घर में जन्मे, लेकिन कुछ करने का भाव रहा सदा मन में धन-दौलत से गरीब,पर मन से तुम सदा […]
आज फिर एक खिलती कली पाई कचरे के ढेर पर, चीत्कार कर उठा ह्दय तड़प उठी ममता भी। रक्त उबल आया आंखों में, उस बेदर्द ह्दयहीन जननी पर हजारों सवाल खड़े हो गए उस मासूम की आंखों में। जब तुम्हें नहीं थी मेरी अभिलाषा, क्यों तुम मुझ को लाई जग […]
सोचती हूं हर दम क्या हूं मैं ? कुछ बातों की लक्ष्मण रेखा ? जीवन को सुखी बनाने वाली कोई सुविधा ? बावर्ची ? घर की चिन्तक ? हर चीज के हिसाब वाली एक डायरी ? बच्चों की आया ? पति की नौकरानी ? प्रेमिका ? या फिर निरी रखैल […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।