वो छप्पर जिसके नीचे कभी चार जिन्दगियों का गुजारा हुआ करता था। जो जाड़े की गलन से गर्मी की तपन से बरसात की सीलन से उन्हें बचाता था। खुद धूप, ठंड , बरसात को झेलकर उन्हें सुरक्षित रखता था। छप्पर को सहारा देने वाले दोस्त जैसे थमले, उन पर होने […]

जुबां से कहूं तभी समझोगे तुम इतने भी नादां तो नहीं होगे तुम अपना दिल देना चाहते हो मुझे मतलब मेरी जान ले जाओगे तुम भड़क उठी जो चिंगारी मोहब्बत की फिर वो आग ना बुझा पाओगे तुम इश्क में सुकूं तभी मिलेगा जब जिस्म से रूह में समाओगे तुम […]

विजय मिलने पर  इतराओ नही हार मिलने पर  घबराओ नही यह रचा रचाया  है ईश्वरीय ड्रामा इसमें बेवजह सिर खपाओ नही विजय मिली है तो झुकना सीखों हार मिली है तो स्वीकारना सीखों जो बोया था वही तो काटोगे दोष दुसरो पर  क्यों बांटोगे बस अपनी कमी  सुधारता चल विजय […]

बच्चो की अच्छी देखभाल के लिए 105 साल पहले मदरस डे की शुरुआत हुई थी, अमरीका में एन जार्विस ने 1858 को “मदरस डे वर्क क्लब की स्थापना की गई थी, उनकी माता के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए उनकी पुत्री ने 1905 को एन की मृत्यु के बाद […]

      सन् 2019 लोकसभा चुनाव के जनादेश का सभी राजनैतिक दलों को गहरा अध्ययन करना चाहिए। मुझे विश्वास है कि वे ऐसा कर भी रहे होंगे। अभी तक जो हमने विश्लेषण किया है, उसमे राजनैतिक दलों के लिए अनेक सन्देश छिपे है, उसे क्रमशः रखने  का प्रयास कर […]

हार जीत का वोट युद्ध था, कोई जीता कोई हारा। दल दलदल को भूल सखे अब, अपना लो भाई चारा। जीत किसी की नहीं चुनावी, यह तो जनमत जीता है। राष्ट्रप्रेम का भाव जगा है। देख रहा है जग सारा। हार नहीं है यह विपक्ष की, यह तो बस गठबंधन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।