कौन कहता है? हमने नाता तोड़ लिया जंगल से, क्या हमें नहीं पता कि, जंगल में मंगल होता है। बेशक! हमारे स्वभाव से न झलके, अपनी जंगलियत। पर कई बार उजागर किए, कर्मों से पशुता की निशानी। जंगल का राजा जो भी हो, पर आज हमारी ही हुकूमत है। आखिर […]

ऐसे ही नहीं ये तरक्की आई है, तीज-त्यौहार पर हमने रुखी-सुखी खाई है। घर से अपने दूर रहते थे, माँ-बाप की नींदे बिसराई है। मीलों चले हैं इन रास्तों पर, दिल पर कई चोंटे भी खाई है। रिश्ते-नातों से तौबा की है साहब, कई रातें भी जागकर बिताई है। बहुत […]

सागर में चाहें आए तूफान, तब भी जीवन की नैया, पार कर लूँगा मैं। आपके साथ पाताल से, गगन तक छा जाऊंगा मैं। कुछ ऐसा कर दूँगा मैं,      मेरी याद न मिटे। चाहे फूल जंगल का हो,    सुवास भर दूँगा मैं। रेखाओं से बनाया है, महल सपनों […]

अमृतसे भरा है दिल मेरा, जो सागर जितना सत पूनमचंद के पप्पू के पास बुजुर्ग माँ लिखाती खत.. पप्पू उसका मुंबई गांव में, परेश भाई प्रेमजी नामे लिखती हैं मैया। पाँच बरस में पहुँची नहीं, एक पाई.. कागज की एक चिट्ठी भी, नहीं मिली मेरे भाई.. समाचार सुन के तेरा […]

  सुकमा में नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के २५ जवानों की शहादत का दर्द देश अभी तक भूला ही नहीं था कि,एक तरफ पाकिस्तानी सेना ने सीमा पर `सीजफायर` का उल्लंघन किया और हमारे २  जाबांज जवान शहीद हो गए,वहीं कश्मीर में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा किए […]

देश की सरकार को कोसते,अर्थव्यवस्था को चौपट करने की कोशिश करते,रुपए की घटती कीमत का ठीकरा दूसरों  पर फोड़ते और स्वदेशी उत्पादों का मजाक बनाते लोगों को तो हम सबने कहीं-न-कहीं देखा और सुना होगा,क्योंकि  ये वही लोग हैं,जो `आधुनिकीकरण`(मॉडर्नाइजेशन) की छाप लगवाने के लिए विदेशी कम्पनियों के शो-रुम में […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।