भारत के लाल बन, दुश्मनों का काल बन। देश में तू नाम कर, सदा आगे बढ़ कर।। हौंसला बनाए रख, जीत का तू स्वाद चख। नया इतिहास लिख, जीवन में पढ़कर।। रोज तू सबेरे उठ, बात तू समझ गूढ़। आलस से दूर रह, शिखर पर चढ़ कर।। सबसे ही प्रेम […]

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भगवान का दूसरा रुप हैं माँ, उसके लिए दे देगें जान.. हमको मिलता जीवन उनसे, कदमों में हैं स्वर्ग बसा। संस्कार वह हमें सिखलाती, अच्छा-बुरा हमें बतलाती.. हमारी गलतियों को सुधारती, प्यार वह हम पर बरसाती। तबियत अगर हो जाए खराब, रात-रात भर जागते रहना.. माँ बिन जीवन है अधूरा, […]

माँ चूल्हा,धुँआ,रोटी,और हाथों का छाला है माँ, ज़िन्दगी की कड़वाहट में अमृत का प्याला है माँl माँ पृथ्वी है, जगत है,धुरी है, माँ बिन सृष्टि की कल्पना अधूरी हैl तो माँ की यह कथा अनादी है, अध्याय नहीं है, और माँ  का जीवन में कोई पर्याय नहीं हैl तो माँ […]

सुनो न, सुनो न.. देखो तोड़ रहा हूं, फूल तुम्हारे ख्यालों काl मन की गहराइयों से, एक-एक फूल तुम्हारी यादों का.. रेशम-सा सुनहरा, जो तुमने दिया था.. अब वो धागा न रहा पहनोगी न तुम। सुन रहा हूं, धुन तुम्हारी खामोशी की.. लबों पर जो सजी थी बांसुरी-सी, और घाव-सी […]

क्रंदन मन आँ खों के आँसू , कैसे भला छिपाऊँ मैं। रोती घाटी चीख रही है, कैसे चुप हो जाऊँ मैं।। अपने घर के गद्दारों ने, इसको घायल कर डाला। आतंकी हमलों ने इसका, खूनी आँचल कर डाला।। सत्ता की चाहत में नेता, कैसे चुप हो जाते हैं। राजनीति के […]

  (जलियांवाला बाग हत्याकांड पर) आँखें भर आती हैं मेरी,सुनकर उनकी अमर कहानी। देशप्रेम हित जिन वीरों ने,त्यागा बचपन और जवानी।। जिनके लहू से सिंचित था,ये जलियांवाला बाग हुआ। कितनी वीर महाव्रतियों का,था अर्पित अमर सुहाग हुआ।। कितनी माँओं के सपनों का,आँगन भी सूना कर डाला। पापी हत्यारे डायर ने,पापों […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।