किताबें! किताबें ज्ञान का भंडार होती हैं किताबों में छीपे रहते हैं अनगिनत अल्फाज, किताबें अज्ञानता को दूर करती हैं जरा इनसे मित्रता तो करो, किताबें बहुत कुछ देती हैं। किताबें! किताबें  समुद्र जैसी होती हैं इनमें समाहित होते हैं बहुमूल्य रत्न किताबें दूर कर देती हैं समस्त समस्याओं को […]

सियासत की शतरंज से बाहर निकलकर बादशाह , वजीर और प्यादे सब एक ही अंदाज में नज़र आए तो समझ लेना होली है । पड़ोसी घुरता है इस बात की शिकायत जो दिन रात करती है वही पड़ोसन जब चिढ़ाती हुई गुजर जाए तो समझ लेना होली है सरहदों पर […]

हे ईश्वर ,मालिक हे दाता ! करो रक्षा अब नारीयों की हो गए हैं पापी अब मनुज नीच बुद्धि से ग्रसित कर दें इन कुविचारों का सर्वनाश   हे ईश्वर ,मालिक हे दाता  ! दें आशीष बहनों को रहें सुरक्षित हर पल हर जगहों पर बुरी दृष्टि से देखने वालों […]

तुम जो मुझसे मिल लेते हो, मन का विचलन कम होता है। कह कर अपनी राम कहानी मैं भी हल्का हो लेता हूँ। तेरी गोदी में सर रखकर, मैं भी सुख से सो लेता हूँ। तेरी जुल्फों के साये में, मन का मचलन कम होता है।1। तेरे सम्मुख मेरी सारी, […]

-संदीप सृजन तमाशा तो वही चलता निरंतर पांच सालों तक। जमूरा और होता है मदारी और होता है।। इन पंक्तियों के लेखक, स्वातंत्र्योत्तर हिंदी काव्य के विकास में पिछले पांच दशक में जिनका अनवरत योगदान रहा, श्रेष्ठ कवि एवं लोकप्रिय ग़ज़लकार चंद्रसेन विराट 15 नवम्बर को अपनी अनंत यात्रा पर […]

#साझा_संग्रह~ काव्य मञ्जरी #सम्पादक~#सुरेश_सौरभ #प्रकाशक~#नमन_प्रकाशन,लखनऊ #समीक्षक~#संदीप_सरस(9450382515) लखीमपुर जनपद के चर्चित साहित्यकार सुरेश सौरभ के समर्थ सम्पादन में एक बार फिर लगभग साठ रचनाकारों की रचनाओं का संकलन काव्य मञ्जरी के रूप में प्रकाशित होकर पाठको के सम्मुख है। सबसे बड़ी बात यह है संकलन में उन्होंने जहां एक ओर वरिष्ठ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।