पल-पल किया इंतजार सदियों से बीते क्षण-क्षण कर-कर इंतजार पतझड़ भी बीत गया | आ गया सावन मन भावन तुम मिलो प्रिये… इस तरह टूटे न मिलन का सिलसिला | तेरे इंतजार में, बर्बाद हुआ योवन सपने, सपने बनकर रह गये हकीकत से हुआ न सामना कितनी बीती बरसातें कोरी-कोरी […]

सुबह के आठ बज चुके थे परन्तु मंत्रीजी अभी भी ओंधे मुँह बिस्तर पर पड़े-पड़े अजीबो-गरीब आवाजें निकाल रहे थे | तभी उनका निजी सहायक आ धमका – ‘सरजी-सरजी ! आठ बज गए और आज विश्वयोग दिवस का कार्यक्रम है | आपको मुख्य योगाचार्य की भूमिका निभाने जाना है |’ […]

मोबाइल फोन पर हरेलाल गिड़गिडाये जा रहे थे | उनकी आँखों में आये आँसू और मुरझाये चेहरे, सूखे होठों से साफ पता चल रहा था कि हरेलाल पर दिन दहाडे बिजली गिरी है | चौका (गांव की रसोई) में बैठी हरेलाल की धर्मपत्नी शरबती देवी को भी आभास हो गया, […]

धधक रही बिहार की छाती चहुँओर पसरता मातम बेशर्म दिल्ली चुप्पी सादे है डाक्टर तो बस प्यादे हैं तड़प-तड़प मासूम मर रहे मंत्री क्रिकेट के स्कोर पूछ रहे कैसा ये भारत का नव निर्माण बेबस ममता के निकल रहे प्राण धरती कांपें और अम्बर कांपें पर कांपा नहीं शैतानी सिंहासन […]

पानी सफेद सोना है और यह सोना इस समय भारत के अधिकांशत: गांवों में सडकों और नालियों में बुरी तरह से बहाया अथवा फैलाया जा रहा है | इसी सफेद सोने की बूंद – बूंद के लिए भारत के कुछ हिस्सों में प्राणी तरस रहे हैं | लेकिन जहाँ यह […]

हे भारत माता तेरा अभिनन्दन तेरी मिट्टी का कण-कण चन्दन चाहूँ तेरे चप्पे-चप्पे में हो उजियारा दूध-दही की बहती रहे सदा नदी धारा यहाँ के नेताओं को मिले सद्बुद्धि विधर्मियों की हो जाये बस शुद्धि कोई जन न कर पाये कभी क्रंदन हे भारत माता तेरा अभिनन्दन आतंकवाद-नक्सलवाद मिट जाये […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।