दस्तक मेरे दरवाजे पर, चहकने की तुम देती गौरैया चाय,बिस्किट लेता मैं तुम्हारे लिए रखता दाना-पानी यही है मेरी पूजा, मन को मिलता सुकूनl लोग सुकून के लिए क्या कुछ नहीं करते, ढूंढते स्थान गोरैया का घोंसला मकान के अंदर क्योंकि, वो संग रहती इंसानों के साथ हम खाएं और […]