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उस पैदा हुई बच्ची को अपाहिज देख डॉक्टर की भी आंखों में आंसू आ गए। उनकी आंखों में आंसू आना लाजमी था,क्योंकि बच्चे को जन्म देने वाली उसकी मां जिंदा नहीं थी, और जो अभी-अभी इस धरती पर जन्मी है वह अपाहिज है। ऑपरेशन थिएटर के बाहर खड़ा उसका पति […]

बांसुरी के सुर में बंधकर गीत लिखना आ गया, देखकर सूरत तुम्हारी यूं लगा वो आ गया। थी बही यमुना जहां पर वो किनारा पा गया, आस बांधी थी जहां पर लो कन्हैया आ गया। सांवली सूरत जो देखी मन में आ गया खुमार, यूं लगा सावन-सा जैसे फिर से […]

    शहर के ख्यात रसूखदारों में से एक करोड़पति नयनसुख ने अपनी बिटिया के विवाह से चार दिन पूर्व से ही महंगा डीजे मंगा लिया। संगीत की कानफोडू धुनों व भद्दे गीतों पर नृत्य का सिलसिला रात के दो-दो बजे तक अनवरत जारी रहता।    चौथे दिन बारात आई […]

वक़्त फिर किस्मत पे भारी हो गया है, चाँद रातों का शिकारी हो गया है॥ बादशाहत ख्वाब की जागीर थी बस, इश्क़ में ये मन भिखारी हो गया है॥ अनमनी-सी नाचती है जिंदगी भी, झूठ उनका जो मदारी हो गया है॥ पाई-पाई बेच देंगे इस खुशी में, के सनम मेरा […]

रात के ११ बज चुके थे और सौम्या ने ऑफिस से निकलकर देखा तो घने अंधेरों ने अपनी हुकूमत बना ली थी। सौम्या के मन में डर पैदा हो रहा था और इस डर का कारण था उसके घर तक पहुंचने में पड़ने वाली एक सुनसान सड़क…। ‘डर’  का कारण […]

जुगनू का सूरज पर कैसे हो जाता अधिकार, तुम हो प्रीत पराई तो मैं क्यों लिखूं श्रृंगार। आधी नींद अधूरे सपने, इस दुनिया में किसके अपने कलियाँ क्यों ना मुरझाएंगीं, सावन भी जब लगते तपने। न तुमसे कोई समझौता न कोई तकरार, तुम हो प्रीत पराई तो मैं क्यों लिखूं […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।