रिश्ता न खून का होता है, न जाति पाति का होता है॥ अमीर और गरीब में न फरक है, मीत मानता उर पर हक है॥ चाहे आसमान टूट जाए चाहता है दिल न रुठ  जाए॥ भूखा रहकर भूख मिटाता, कदम-कदम पर कष्ट मिटाता॥ मित्र गुणों को पहचान लेता, सारे जग […]

प्यार करो तो यूँ करो, ज्यों नीला आकाश। भेज रहा है मेघ को, नित धरती के पास॥ खूब जलाया मही को, बुझा रहा अब प्यास। मानो दिल के मिलन की, रुत आई है खास॥ हरियाली मदमस्त है, झरने गाएं गीत। नदियों से नाले मिले, खूब निभ रही प्रीत॥ दादुर गीत […]

दर्द में भी मुस्कराकर, दुख छुपाना चाहिए, हो कोई भी ‘परेशानी’ खुद पार पाना चाहिए। आ गए हों प्यार करने के  तरीके यदि सभी, रख कवच सिर पर ससुर  के पास जाना चाहिए। भा गई है आपको धनवान  की बिटिया अगर, लाज तजकर उसके कुत्ते को खिलाना चाहिए। सीखना है […]

मान लो,सम्मान लो, उन्वान लो, युद्ध जल बिनु ही छिड़ेगा जान लो। मान मत खुद को सिकंदर, बढ़ रहा देखो समुंदर, सिसकती धरणी पुकारे- घट रहा जल,रोज अंदर। आ रहा संकट निकट, संज्ञान लो, युद्ध जल बिनु ही छिड़ेगा जान लो। मेघ अलसाने लगे हैं, पेड़ कुम्हलाने लगे हैं, सूखते […]

छिन्न-भिन्न कर दीजिए,उनके सारे अंग, जो सैनिक को पीट कर,दिखा रहे थे रंग।। फारुख अब्दुल्ला कहे,’राइट’ पत्थरबाज, सेना को ही सौंप दो,खल का करे इलाज।। मणिशंकर चिल्ला रहा,जैसे ऊदबिलाव, इसे जीप पर बाँधकर,इक-दो गली घुमाव।। बेशर्मी की हद करे,सुश्री शबनम लोन, कोई मुझको दीजिए,इस हरहठ का फोन।। महबूबा के मोह […]

धीरे-धीरे फँस रहे, अपने आजम खान.. कितना घोटाला किए, पूछे हिन्दुस्तान। पूछे हिन्दुस्तान, यतीमों को दुतकारा.. छीन लिए तुम भूमि, कफन का लिए सहारा। कह सुरेश हे आजम, चल ‘नैनी’ के तीरे.. टीपू काम ‘बोलता’ देखो धीरे-धीरे ।                         […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।