सृजन विविधा में समाचार लेखन पर कार्यशाला सम्पन्न

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अख़बार की जगह का महत्त्व समझें रचनाकार – डॉ. अर्पण जैन

इंदौर। श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में शुक्रवार को सृजन विविधा का आयोजन किया गया, जिसमें प्रथम सत्र में समाचार लेखन पर कार्यशाला आयोजित की गई, जिसे मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने संबोधित किया।
उन्होंने यह कहा कि ‘अख़बार की जगह महत्त्वपूर्ण होती है, उसी के अनुसार समाचारों में संक्षिप्तता अनिवार्य है।’ इसके साथ समाचार किस तरह लिखना चाहिए, शब्दों और चित्रों का महत्त्व व समाचार के मुख्य तत्त्व
भी बताए।
इसके बाद रचना पाठ आरम्भ हुआ, जिसमें जितेन्द्र मानव ने ‘सिन्दूर का मान’, दिलीप नीमा ने ‘साँसे हो रहीं कम’, व्रज जैन ने ‘फिर से आतंकवाद में शोर मचाया’, राधिका इंगले ने ‘भारतवर्ष की पुनर्स्थापना’, शीला चंदन ने ‘तुम्हारी आत्मा’ का पाठ किया। साथ ही, डॉ. सुनीता फड़नीस ने कहानी ‘प्रकृति उवाच’ का पाठ किया।
इनके अलावा किशन शर्मा ‘कौशल’, अनिता नाइक, राम आसरे पाण्डे, निरुपमा त्रिवेदी ने काव्य पाठ किया।
कार्यक्रम का संचालन साहित्य मंत्री डॉ. पद्मा सिंह ने किया व आभार समिति के अर्थ मंत्री राजेश शर्मा ने व्यक्त किया।
इस मौके पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री घनश्याम यादव, पुस्तकालय मंत्री अरविंद ओझा, डॉ. अशोक सचदेवा, मणिमाला शर्मा, कीर्तिश धामावीकर, अमर सिंह मानावत, वाणी जोशी, गोपाल पराशर, उर्मी रायकवार, सुनील शर्मा, आदि मौजूद रहे।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।