चलते-चलते थक गया हूँ मैं बहुत, गोद में माँ तेरी सोना चाहता हूँ। दिल भरा है पर बहुत खामोश हूँ, आँचल से लिपट बस रोना चाहता हूँ। जी करे जी भर के जिद तुमसे करुं, माँ मैं फिर से जिद्दी होना चाहता हूँ। जिसे पाकर भूल जाऊं दुनिया का गम, […]

तड़प रहा हूँ भूख से मैं, खाना-पीना मिला नहीं, क्या करता मैं काम भाइयों, दर-दर ठोकर खाई हैl नेता कहते थे तुम्हारी नौकरी है पक्की, इतनी मेहनत का जो था उसको भी मैंने गँवायाl जो बचा था जीने को उससे शिक्षा का कर्ज पटाया, आ गया हूँ सड़क पर अब […]

आज का दिन याद है मुझे, शहीदों की कुर्बानी ने, हमें आजादी दिलाई थी, हम सबको आजाद भारत की तस्वीर  दिखाई थी। भारत माता के पुत्र हैं हम, उस माता के शीश पर फूल चढ़ाना है स्वतंत्रता दिवस गर्व से मनाना है, प्यारा है तिरंगा हमारा सबसे अनोखा है यारा। […]

हे !  ईश  मुझको  तू  बुला ले। अंक    में   अपने   सुला   ले॥ क्यों  तमस का नित गर्त देखा। सच  हुई   कब  हस्त – रेखा? झूठ  कब   तक  है  मुस्कराना? क्यों  भ्रमित  जीवन   बिताना? तोड़कर   भव –  सम्बन्ध  सारे, चाह      तेरे […]

हम तुम बने हैं रेल की पटरी की तरह। चलेंगे साथ-साथ,फिर भी न मिलेंगे कभी॥ तकदीर का तमाशा कौन जान पाया है। खिजां के फूल हैं क्या हम खिलेंगे कभी॥ कुछ बेहतर ही होगा जो खामोश रहा करते हैं। किया है वादा न अब होंठ हिलेंगे कभी॥ यूँ तो बातें […]

(श्री गोस्वामी तुलसीदास जयन्ती) मोह  रहे  जनमानस  को,   कह  राम-कथा तुलसी सु विरागी। देव-अदेव  सभी  नत  हैं,    महिमा सुनि  प्रीति सदा उर जागी। राघव-प्रीति  कृपा  करुणा,    बिन जीवित हैं हत आह! अभागी। श्री   हरि   रूप   अनूप   धरे,    हरते  हर  पीर  व्रती  बन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।