करो तुम और कुछ बातें ठहर जाओ अभी दो पल नही दिल है भरा तुमसे छोड़ आयेंगे तुम को घर। करो तुम और कुछ बातें ठहर जाओ अभी दो पल। कोई कर देना बहाना पूछे जब देर आने के तोड़ते हम रहे थे फूल मन्दिर में चढ़ाने के नही दिल […]

ख़्वाब सजाते हैं आँखों के जो देखे सपने होते हैं रहते हैं उनकी पनाह में पापा तो पापा होते हैं। ख़्याब सजाते हैं आँखों के जो देखे सपने होते हैं। दिन तपते हैं रात में जलते लहू चूसकर हम पलते हैं करते हैं ज़िद पूरी हमारी गलती पर परदा करते […]

मातृ दिवस पर सभी माँओं के चरणों में समर्पित…….. माँ ही प्रथम पाठशाला है। माँ ने दुःख सहकर पाला है।। माँ संसार की अनुपम कृति है। माँ प्यार भरी संस्कृति है।। माँ नूर नहीं कोहिनूर है। माँ प्रेम से भरपूर है।। माँ खुदा का दूजा रूप है। मां प्यार भरा […]

बताओ वो बज़ह क्या है तुम्हारे मुस्कराने की लगाई तुमने है कोई शर्त दिल आजमाने की। बताओ वो बज़ह क्या है तुम्हारे मुस्कराने की। अदाओं पर निछावर है ज़िन्दगी जां तलक मेरी जीत जाओ हराकर तुम हार मन्ज़ूर है मेरी लगाई तुमने है कोई शर्त दिल आजमाने की। बताओ वो […]

तेरे कदमों पे आहिस्ता छनकती है तेरी पायल चूमता है तेरे पैरों को सर से सरकता आँचल। तेरे कदमों पे आहिस्ता छनकती है तेरी पायल। उलझकर तुझमे रह जाती नज़र जो तुझपे टिकती है जब चलती है तू बलखाकर मेरी तबियत बिगड़ती है। तेरे कदमों पे आहिस्ता छनकती है तेरी […]

रहोगे कब तलक मुझसे दूर नज़रें चुराओगे करोगे पास आने के बहाने सौ बनाओगे। रहोगे कब तलक मुझसे दूर नज़रें चुराओगे। अभी हूँ इश्क़ हाज़िर मैं चला जब दूर जाऊँगा शिकायत फिर करोगे तुम रूठकर मुँह फुलाओगे। रहोगे कब तलक मुझसे दूर नज़रें चुराओगे। साथ है वक़्त तू लम्हा मुझे […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।