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रहोगे कब तलक मुझसे
दूर नज़रें चुराओगे
करोगे पास आने के
बहाने सौ बनाओगे।
रहोगे कब तलक मुझसे
दूर नज़रें चुराओगे।
अभी हूँ इश्क़ हाज़िर मैं
चला जब दूर जाऊँगा
शिकायत फिर करोगे तुम
रूठकर मुँह फुलाओगे।
रहोगे कब तलक मुझसे
दूर नज़रें चुराओगे।
साथ है वक़्त तू लम्हा
मुझे तेरी जरूरत है
करूँ मैं शुक्रिया तेरा
तू ही मेरी इबादत है।
रहोगे कब तलक मुझसे
दूर नज़रें चुराओगे।
#श्रवण राज ‘लयरिसिस्ट राज’
परिचय :
नाम-श्रवण राज
उपनाम-लयरिसिस्ट राज
वर्तमान-शाहजहांपुर
राज्य-उत्तर-प्रदेश
शहर-शाहजहांपुर
शिक्षा-ग्रेजुएशन
कार्यक्षेत्र-गीतकार
विधा- कम्पोजिंग
प्रकाशन-कुछ प्रिंट मीडिया (2010-2011)
सम्मान- कोई नही।
ब्लॉग-कोई नही।
अन्य उपलब्धियां-फ़िल्म प्रोडक्शन वर्किंग मुंबई और निरंतर अपडेट सांग फेसबुक सोशल नेटवर्क।
लेखन का उद्देश्य- स्वतंत्र रहना।
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Wed May 9 , 2018
सज – धज कर दुपहिया पर घर से निकलते हैं कुछ युवा होते लड़के और मौसम चाहे कोई हो छाँव से भी झुलसती हैं लड़कियां आँख तक , मुहं पर दुपट्टा बांधे ही घर से निकलती हैं कुछ लड़कियां । देखा है मैंने – स्कूल कॉलेज या कोचिंग के समय […]