मर-मरकर जीना होगा जीने की खातिर हलाहल पीना होगा अपने-पराये, दोस्त-दुश्मन सबसे मिलना होगा हँसना होगा, रोना होगा मर-मरकर जीना होगा | तिल-तिल जलना होगा सूरज सा तपना होगा घोर निराशा में भी चलना होगा तिनका – तिनका चुनकर नीड़ निर्माण करना होगा | चिंता चिता से बड़ी – चिंता […]

बादल बरस-बरस कर थम गये थे, भादो खत्म होने को थी | कुसुमप्यारी अपने झोपड़े को लीप-पोत रही थी | उसका खसम (पति) नीम के पेड़ के नीचे टूटी खटिया पर पड़ा-पड़ा खाँस रहा था | कुसुमप्यारी के ब्याह को अभी मुश्किल से पूरे तीन वरस भी नहीं हुए थे […]

संपादक अतुल मल्लिक ‘अनजान’ जी के श्रेष्ठ सम्पादन में प्रकाशित डॉ. पी. पी. सिन्हा अभिनन्दन ग्रंथ एक सजीव चित्रण है | 392 पृष्ठों से सजा आकर्षक मुखपृष्ट सहित डॉ. पी. पी. सिन्हा जी के व्यक्तित्व व कृतित्व का पूरा चलचित्र सा आभास कराता है यह सुंदर अभिनन्दन ग्रंथ | देशभर […]

उत्तर प्रदेश के जनपद आगरा में ग्राम पंचायत रिहावली जो तहसील फतेहाबाद से करीब सत्रह किमी पूर्व दिशा में बसा है | इसी ग्राम रिहावली में एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो महाकालेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है | यमुना नदी के तट पर पूर्ण प्राकृतिक वातावरण में आध्यात्मिकता की […]

रेल अपनी पूर्ण रफ्तार में थी | कढाके की ठंड में पाखाने के नजदीक ठीक दरवाजे के सामने जमीन पर फटे-पुराने चीथड़ों में एक निर्धन किसान बैठा हुआ था | वह ठंड से कांप रहा था और बार-बार अपनी जेब को टटोल रहा था | वह यह प्रयास निरन्तर पिछले […]

मत जात पात की आग में झोंको मेरे देश को नेताजी पहनके खादी मत लजाओ बापू के भेष को तुम भूल गये कितनी दीं कुर्बानियां आजादी की खातिर माँ भारती के लिए हंसते-हंसते कट गये हजारों हजार सिर आज हम आजादी का इतिहास भुला बैठे हैं कुर्सी, पद, पैसा की […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।