एक सजीव चित्रण है : डॉ. पी. पी. सिन्हा अभिनन्दन ग्रंथ

0 0
Read Time2 Minute, 6 Second

संपादक अतुल मल्लिक ‘अनजान’ जी के श्रेष्ठ सम्पादन में प्रकाशित डॉ. पी. पी. सिन्हा अभिनन्दन ग्रंथ एक सजीव चित्रण है | 392 पृष्ठों से सजा आकर्षक मुखपृष्ट सहित डॉ. पी. पी. सिन्हा जी के व्यक्तित्व व कृतित्व का पूरा चलचित्र सा आभास कराता है यह सुंदर अभिनन्दन ग्रंथ | देशभर के कलमकारों के विचार व प्रतिष्ठित महानुभावों के शुभकामना संदेश एवं डॉ. पी. पी. सिन्हा जी की तमाम रचनाएं व ढेरसारे रंगीन छायाचित्र संग्रहित हैं |

युवा संपादक अतुल जी ने ग्रंथ के निर्माण में काफी मेहनत की है | कहीं भी प्रूफ की गलतियां देखने को नहीं मिलती | वहीं आकर्षक सजावट से ग्रंथ की प्रस्तुति काबिले तारीफ है | संपादक जी व उनकी पूरी टीम बधाई की पात्र है |

नेकदिल इंसान डॉ. पी. पी. सिन्हा जी के सम्मान में प्रकाशित अभिनन्दन ग्रंथ इस बात का सबूत है कि डॉ. पी. पी. सिन्हा जी की कलम का प्रकाश सम्पूर्ण धरा को प्रकाशित कर रहा है | एक ओजस्वी वक्ता, कलम के धनी डॉ पी. पी. सिन्हा जी अपनी रचनाओं के माध्यम से मानवजाति की वकालत करते नजर आते हैं | उनकी रचनाओं में मानवी पीड़ा स्पष्ट झलकती है |

पठनीय व संग्रहणीय ग्रंथ के प्रकाशन के लिए पुनः संपादकजी व उनकी पूरी टीम को साधुवाद |

पुस्तक – डॉ. पी. पी. सिन्हा अभिनन्दन ग्रंथ
संपादक – अतुल मल्लिक अनजान
प्रकाशन वर्ष – 2020
पुस्तक परिचय – मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
फतेहाबाद, आगरा

matruadmin

Next Post

पल- पल बहुत यूं याद आएगी मुझे

Wed Nov 11 , 2020
काफ़िया- आएगी रदीफ़- मुझे वज्न- 2212-2212-2212 पल- पल बहुत यूं याद आएगी मुझे ये आग दिल की यूं जलाएगी मुझे खुद ज़िंदगी खुद से मिलाएगी मुझे खुद दूर जाके पास लाएगी मुझे मैं खो गया हूँ अब न जाने किस जहाँ क्या ज़िंदगी भी ढूंढ लाएगी मुझे अब ले रही […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।