सूर्य को दीपक दिखाया जा रहा है, कद अंधेरे का बढ़ाया जा रहा है। उसकी हालत देखकर आया हूँ मैं, दूध चम्मच से पिलाया जा रहा है। जैसे कोई भेड़ बकरा मर गया , इस कदर मातम मनाया जा रहा है। रो रहे मुर्दे पड़े शमशान में, आदमी जिंदा जलाया […]

है मेरा राम को वन्दन, मिरा रहमान को वन्दन। जिन्हें भाते थे राधाकृष्ण, उस रसखान को वन्दन॥ सदा ही सत्य शुचिता की, बनी पहचान है भारत, करूं मैं हर समय इस, जगत की पहचान का वन्दन॥                             […]

  कितना बदल गया है दिनमान आज का, दुष्टों को मिल गया है वरदान आज का। जड़ से सभी उखड़ गए,छोटे हों या बड़े, सबको तबाह कर गया तूफान आज का। जिसको भी देखिए वही फतुही पहन रहा, खिलवाड़ हो गया है परिधान आज का। सरकार कोई इस पर कोशिश […]

मुल्क के पहरुओं को जागना जरूरी है, बढ़ रही तबाही को रोकना जरूरी है। योजना चली,लेकिन हर जगह नहीं पहुंची, फाइलें उठाकर ये खोजना जरूरी है। आने वाली पीढ़ी में अपना मुंह दिखाने को, एक वृक्ष उल्फत का रोपना जरूरी है। क्रांति आ नहीं सकती व्यक्तिगत लड़ाई से, इस कदम […]

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हालातों की बेड़ियों से बंधा, ‘बंदा ‘वो बड़ा मजबूर  है। बहना के ब्याह की चिंता से, वो आज घर से बहुत दूर है। ज़ख्म पर नमक डालकर, उसके घाव को हम करते नासूर हैं। बाल बिखरे,कपड़े व्यवस्थित नहीं, तो समझते उसको हम धूर्त हैं। रहन-सहन में परिवर्तन करे तो कहते […]

अर्ज करता हूं मैं तुमसे बारहा इज्जत के साथ, तुम नहीं बर्दाश्त मुझको अब किसी कीमत के साथ। रहनुमाई ने तुम्हारी गर्क में पहुंचा दिया, आज कहना पड़ रहा है बहुत ही गैरत के साथ। कूदकर कॉलर पकड़ लेने को बेबस मत करो, बेइज्जत भी जानता हूं खूब,मैं स्वागत के […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।