जागो नौजवानों जागो उठो एक क़दम बढ़ाओ आगे आओ तुम सब एक *क्रांति* सी ले आओ 🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄 पूरी धरा को आच्छादित तुम कर जाओ वृक्षों से दूर करो *तुम पीर धरा* की बहते आसूँ हैं इसके 🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄 जो दिखते न हर किसी को सहती आई है धरा देख रही असहाय […]

तेरे नाम की बिंदिया सजाई है तेरे नाम का सिंदूर सजाया है तेरे नाम की *चूनर* ओढ़ आई मैं बाबुल का आँगन छोड़ पिया तेरे दर तेरे नाम का पहना मंगल सूत्र है तेरे नाम की चुड़ियाँ सजाई हैं तेरे नाम की चूनर ओढ़ आई मैं बाबुल का आँगन छोड़ […]

कंचन जैसी *काया* तेरी मदमस्त नशीली आँखे तेरी गुलाब की पंखुरी से लब हैं तेरे फूलों सा कोमल हृदय तेरा नाज़ुक कलि से हाथ तेरे नागिन सी बलखाती चाल तेरी यौवन दहकता अंगारों सा तेरा संभल संभल पग धरना धरा पर काँटे बिछे हैं ख़ूब राहों पर घूम रहे वहशी […]

शादी के पहले भी बिटिया के माथे बिंदिया सजती थी नाक में नथनी लटकती थी होंठों पे लाली लगती थी हाथों में चूड़ी खनकती थी मेहंदी ख़ूब रचती थी पैरों में पायल भी छनकती थी महावर पैरों में तब भी सजता था शादी के बाद बना मंगलसूत्र सुहाग की निशानी […]

प्यार एक इबादत है पूजा है तेरे और मेरे सिवा न कोई दूज़ा है इसमें न किसी की हुकूमत है न राज है किसी का यहाँ तो सिर्फ़ प्यार का दरिया है एक दूजे से वफ़ाई है बेवफ़ाई नहीं यहाँ नोक झोंक भी ख़ूब है पर लड़ाई नहीं यहाँ एक […]

नीरू की शादी एक खाते – पीते परिवार में हुई थी । पर कहते हैं न सभी का समय एक समान नहीं रहता । कुछ पति की बुरी संगत तो कुछ ससुर की बीमारी की वजह से नीरू को अपने सारे गहने, मकान सभी बेचना पड़े । एक समय ऐसा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।