वरेण्य मातृभूमि की प्रचंड पुण्यभूमि की अखंड साधना करें। कश्मीर में प्रभुत्व शान्ति सौम्यता के भाव हों ये भावना करें॥ हिन्दुत्व का प्रभाव हो,प्रचार हो प्रसार हो न कि दुष्प्रचार हो। कश्मीर है अभिन्न अंग देश का समग्रता से मन में ये विचार हो॥ माँ भारती के ताज में न […]

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उस पैदा हुई बच्ची को अपाहिज देख डॉक्टर की भी आंखों में आंसू आ गए। उनकी आंखों में आंसू आना लाजमी था,क्योंकि बच्चे को जन्म देने वाली उसकी मां जिंदा नहीं थी, और जो अभी-अभी इस धरती पर जन्मी है वह अपाहिज है। ऑपरेशन थिएटर के बाहर खड़ा उसका पति […]

रात के ११ बज चुके थे और सौम्या ने ऑफिस से निकलकर देखा तो घने अंधेरों ने अपनी हुकूमत बना ली थी। सौम्या के मन में डर पैदा हो रहा था और इस डर का कारण था उसके घर तक पहुंचने में पड़ने वाली एक सुनसान सड़क…। ‘डर’  का कारण […]

धीरे-धीरे बीन बजा रे,देश हमारा सोया है। खा-पीकर कुछ मस्त पड़े हैं,काट रहे जो बोया है॥ कुछ आम को चूस रहे हैं,कुछ के हाथ बबूल लगा। जो जितने हैं भ्रष्ट सयाने,उनका उतना भाग्य जगा॥ सत्यमेव जयते भ्रम है ये,लट्ठमेव जयते से हारा। जो जितना ऊपर से उजला,अंदर से उतना ही […]

वरेण्य मातृभूमि की प्रचंड पुण्यभूमि की अखंड साधना करें। कश्मीर में प्रभुत्व शान्ति सौम्यता के भाव हों ये भावना करें॥ हिन्दुत्व का प्रभाव हो प्रचार हो,प्रसार हो न कि दुष्प्रचार हो। कश्मीर है अभिन्न अंग देश का समग्रता से मन में ये विचार हो॥ माँ भारती के ताज में न […]

भाग -१ पात्र-राकेश(सुमन के पापा) कुसुम-(राकेश की पत्नी) सुमन -नायिका (अपाहिज) राकेश का एक सपना था कि,वो अपनी होने वाली सन्तान को बैडमिंटन खिलाड़ी बनाए। यह सपना राकेश के पिताजी का था,जो उन्होंने राकेश के लिए देखा था, परन्तु उसके बचपन में ही पिताजी के गुजर जाने के बाद उसके […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।