देवी शैलपुत्री मातु राष्ट्र संकटों में..आज शत्रु का कुचक्र मातु चूर-चूर …कर दे। भर दे अजेय शक्ति,राष्ट्र भक्ति…बालकों में,कायरों की भीरुता समूल दूर… कर दे॥ मुख्य राष्ट्रधारा से जो अलग…थलग हुए, शुद्ध बुद्धि दे के मातु उन्हें शूर … कर दे। ‘अरविन्द’ निज लाल के समक्ष…शत्रुओं को,घुटना तू टेकने को […]

जीते जी माँ-बाप को,माँ-बाप मानो, उनका सच्चा श्राद्ध हो जाएगा। जीते जी उनकी,तकलीफों को पहचानो, उनका सच्चा श्राद्ध हो जाएगा। जीते जी उनकी,भावनाओं की कद्र करो, उनका सच्चा श्राद्ध हो जाएगा। जीते जी उनका,कभी अपमान न करो, उनका सच्चा श्राद्ध हो जाएगा। जीते जी उनका,शुभाशीर्वाद  ले लो, उनका सच्चा श्राद्ध […]

न किसी से कुछ कह सकती, न किसी से कुछ बता सकती। काश़ ! आवाज दी होती परमात्मा ने, तब, कुछ तो दर्द बयाँ कर पाती। भर जाता दूध जब गाय के स्तन में, पुकारती बछड़े को अपने,लगा लेती थन में। वह रमाती,हुँकारती,अपने बछड़े को निहारती, बछड़ा भूखा होगा,सोचकर उसे […]

  तेरे ज्योतिर्मय शतदल पर,          करतल बीन बजाती है माँ। तेरी जीवन देव धुनी में,         सारे उर पत्थर बह जाते। कठिन कुलिश जगती के जितने,     कोमल संजीवन बन जाते॥ मन में उर्मि जगाती आती,       उन सुकुमार स्वरों […]

यह शहीदी चमन है,अमन कीजिए, बीज विष के यहाँ मत वपन कीजिए। निज सुरभि से सुवासित करे विश्व को, ऐसा मिल बैठ कर कुछ यतन कीजिए॥ वत्सला मातृ भू को नमन कीजिए, धो के पावन चरण आचमन कीजिए। तोड़ विष दन्त दो जिस किसी के भी हों, इनके डसने से […]

न पीते गर तुम शराब,गांजा तो सोचो क्या होता, तुम्हारे बीबी,बच्चे कितने रहते खुश और क्या-क्या होता। तुम्हारे बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ते,नहीं कभी सिर नीचे होता, सभी के सामने पापा को लाने में नहीं कोई झिझकपन होता। खूब, हंसते-हंसाते,संग में अपने मम्मी-पापा के,और कितना मजा होता, तुम भी अपने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।