धरना है भाई धरना है, धरने में भी धरना है धरना धरने की खातिर है, धरना, धरना धरना है। चाहे भवन विधान घेराव करें, या भरी दुपहरी बदन जरे मंत्री और मुखिया मौज करें, बस भाषण देकर पेट भरे। बेरोजगार की एक चाह, रोजगार कोई अब करना है धरना है […]

नभ चाहें धरती डोले, वो बैठें फेसबुक खोले उंगली करें होले होले,वो बैठें फेसबुक खोले! दुनिया भर के दोस्त बना दे, ये इण्टरनेट साइट, गीदड़ भी है यहाँ गरजते होकर इकदम टाइट। हैलो हाय बोलते रहते, हाउ आर यू कहते , सुन्दरियों को देख एक पे सौ रिकवेस्ट हैं करते। […]

सबका ही सम्मान तू करना , नहीं कभी अपमान तू करना हिंदू मुस्लिम बाद में बनना , पहले तू इन्सान ही बनना । तकलीफ़े न देना किसी को, कभी किसी को दुखी न करना तकलीफों को सदा समझकर, साथ निभा इन्सान ही बनना । बैर की आग बुझाना यारों, नफरत […]

तुम पुष्प से सुकुमार हो, तलवार की भी धार हो। तुम ही भविष्य हो देश का, मजधार मे पतवार हो। माँ भारती को मान दो, और बड़ो को सम्मान दो। जो दुष्टता करते यहाँ, उन दुष्टों को अपमान दो। कर्तव्य पथ पर बढ़ चलो, और जीत सिर पर मढ़ चलो। […]

दुनिया की उलझन में पड़कर, सब ताने बाने बदल गये हम तो वैसे के वैसे रहे, पर दोस्त पुराने बदल गये। ये बात नही परिवर्तन की, ये तो सब समय का झोंका है बस मौत ही सच्चा साथी है, ये जीवन बस इक धोखा है।। इक सुख पाने की चाहत […]

लो चला देखो ये साल चला, अठरह को लेके काल चला। आने वाला जो उन्निस है, वो बीसो सपने पाल चला।। रूखसत कर दो अब दिसम्बर को, दुख दिल के, अॉसू के अम्बर को नवबर्ष मे नव अभियान करो, पा लो खुशियों के समन्दर को। बोरी बिस्तर ये बांध चला,लो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।