गोंदिया। कविता लिखी नहीं जाती समय, परिस्थिति व वातावरण कवि मन को प्रेरित करता है और कलम कविमन के भावों को शब्दों के प्रवाह मेंं ढाल देती है जो कविता हो जाती है। कलरव कवि दम्पति शशि तिवारी व श्रीमती कमलेश तिवारी की कविताओं का ऐसा ही एक गुंजन है, […]

क्यों सहती हो बार-बार, अनाचार, अत्याचार, उठा लो हाथ तलवार, न बनो अब ढाल तुम। समाज में कुकर्मी हो, चाहे सहकर्मी हो अधर्मी या विधर्मी हो, उनका हो काल तुम। तजो साज-सिंगार को, धरो हाथ अंगार को, व्यभिचारी के संहार को, रूप धरो विकराल तुम। जो उठने लगे भुजंग, हो […]

इक्कीसवीं सदी के भाषा आंदोलन का स्वरूप क्या होगा? ‘अंग्रेजी हटाओ‘ की जगह ‘अंग्रेजी पचाओ‘ का नारा कैसा रहेगा? क्या हिंदी प्रचार के बदले भारतीय भाषा प्रसार का प्रयास होगा? क्या विरोध प्रदर्शन की बजाय विकल्प निर्माण पर ध्यान रहेगा? भाषा आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ पर यह सब सवाल मन में उठे. सन् 1967 में 29 नवंबर के दिन बनारस […]

घर का दरवाजा खोलता हूँ नीचे एक पत्र पड़ा है शायद डाकिया अंदर डाल गया है उत्सुकता से खोलता हूँ माँ का पत्र है एक-एक शब्द दिल में उतरते जाते हैं बार-बार पढ़ता हूँ फिर भी जी नहीं भरता पत्र को सिरहाने रख सो जाता हूँ रात को सपने में […]

जब से आकर शहर में रहता हूँ, इक अजीब से सफर में रहता हूँ॥ खुल के हँसना व रोना भी मना है क्यूंकि मै किराये के घर में रहता हूँ॥ पेड़ों के पक्ष से है रिश्ता मेरा गहरा मै बाहर अक्सर दोपहर में रहता हूँ॥ दोस्त मेरे मुझको देखकर भागते […]

जग वालों को बात यही बस खलती रहती है बीच भँवर में नाव हमारी चलती रहती है। काबू में रख लेना चाहे हर कोई इसको, लेकिन ये तो उम्र निगोड़ी ढलती रहती है। तेरी यादों की बस्ती से हर दिन गुजरा हूँ, दिल की धड़कन यादों के बल चलती रहती […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।