बौना कर दिया हर पर्वत तूने, इनकी चोटी भी सर झुका रही! किया कदमों को इतने ऊंचे तूने, कि तू आसमान तक जा चढ़ी!! अकेली ही चल पड़ती थी, ना कभी भी कहीं घबराई तू! आज काफिले के साथ , नेतृत्वकारी बनकर तू आगे बढ़ी!! पूरा विश्व तुझ पर गर्व […]

ढूंढने से भी नही मिली आज मैं, खुद ही खुद में मुझे! खो दिया है खुद को देखो, क्यो इतना मैंने चाहा तुझे!! रब्ब जाने कितने अरसे अब, मुस्कुराए मुझको हो गए! मेरा नाम मेरा अस्तित्व देखो, सब तो तुझमें खो गए!! बोललू अगर मैं किसी से, तू उंगली मुझ […]

उसी के दिये दर्दों को, मैं उसी के नाम करती हूं..!! जमाना मुकद्दर नही मेरा, मैं मुकद्दर नही जमाने की! वो तो जमाने से डरता है मैं तो उसी से डरती हूं!! उसी के दिये दर्दों को, मैं उसी के नाम करती हूं!! पैसा हुआ फितरत उसकी,कलम हुई फितरत मेरी! […]

खत्म हुआ वक़्त इंसानियत का, झूठ-फरेब का चला दौर है! सच्चाई को दबाने को, झूठी खबरों का सोशल साइट पर शोर है!! अपनी गलती ढकने को लोग,  दूसरों पर झूठे इल्जाम लगाते हैं! घर की बहन-बेटियों को, हथियार बनाने से भी नही कतराते हैं।! जिस थाली में खाया उसी में […]

पूछ रही हूं मेरी माँ मैं तुझसे, बस तू ये मुझको बता दे! क्यो फेंका मुझे कूड़ेदान में, अब मुझको तू ये जता दे!! 9 महीने तक रखा पेट में, फिर ऐसी क्या मजबूरी थी! नही चाहिए थी बेटी तुझको, तो क्या पैदा करनी जरूरी थी!! क्या तेरी कोख में […]

लंबे अरसे के बाद आज की रात हम सुकून से सोए हैं! भूलकर सारी दुनिया को फिर से हम खुद में खोए हैं!! चैन भी नही मिला नींद भी मुक्कमल नही थी.. बीत जाती जो घड़ी लगा कि बस वही सही थी.. कुछ बाते थी अनकही कुछ पर तो मैंने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।