धान रोपने वाले मजदूरों को समर्पित पग दलदल में मन उलझन में कमर बनी कमान वे रोपते धान। रंग बिरंगी पन्नी ओढ़े आते है सब दौड़े-दौड़े बस मेहनत ही भगवान वे रोपते धान !! बिच्छू सांप है संगी-साथी न वृष्टि न धूप सताती न आंधी और तूफान वे रोपते धान […]

चिनगारी वह पर फैलाए, बैठ गई छ्प्पर के ऊपर तम देख वह चिंतित, आलोक लाई थी। तेल नहीं था; तम का साया, उस घर में ही रोशन छाया जल गया वह दीपक, जो जल न पाता था। कूप भी है वह जल गया, जो जल न देता था जल गया […]

हिन्दू को न हिन्दू कहना, मुस्लिम को न मुस्लिम कहना, सिक्ख को न सिक्ख कहना, ईसाई को न ईसाई कहना, अपना धर्म उससे भी बड़ा है मानव हूँ, ‘मानवता’ धर्म है। हिन्दू को न हिन्दू कहना, मुस्लिम को न मुस्लिम कहना, सिक्ख को न सिक्ख कहना, ईसाई को न ईसाई […]

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  रामलीला मैदान में अनशन हुआ, नेताजी ने जोर-शोर से किया। उनके समर्थनों की गणना नहीं                             भ्रष्टाचार लेकर आंदोलन हुआ।   साथी बहुत थे; समर्थन बहुत, समर्थनों की भीड़ में भ्रष्टाचारी अधिक। भ्रष्टाचारी भीड़ भ्रष्टाचार के खिलाफ, […]

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मटका भरा-भरा जो रहता टूटा- बिखरा पड़ा हुआ है। घर जो मेरा शोर मचाता विवश आज वह खड़ा हुआ है। गाँव के बच्चे शोर मचाते हठ पर अपने अश्रु बहाते। बूढ़ी दादी खाट पर बैठे हम बच्चों को गीत सुनाती। हरा- भरा जो गाँव मेरा था टूटा बिखरा आज है। […]

रहते थे एक घर में,परिवार एकसाथ, अकेले रहने का अब चल गया रिवाज़। टूटने लगे हैं घर जब से,गली गाँव में, बच्चों के मन से बुजुर्गों का,मिट गया लिहाज। दीवार खिंची आँगन में,मन भी बँट गए, जब से अलग चूल्हे का,चल गया रिवाज। दीवारें क्या खिंची,माँ-बाप बँट गए, बताने लगे […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।