एक तरफ बंगाल में चिकित्सक हड़ताल पर है, बीमारी से मरीजों का हाल बेहाल है, इलाज के अभाव में बंगाल की जनता मौत को गले लगा रही है, अभद्र भाषा से मुख्यमंत्री लबरेज है, कही जय श्री राम के नाम पर पाबंधी है, तो कही राजनैतिक खूनी संघर्ष जारी है। […]

जिसमें भावनाएं, सौंदर्य, साक्ष्य, उलाहना, तंज, पीर ,पीड़ा, पक्ष, विपक्ष, प्रधानता ,प्रमाणिकता, कथन ,कहानी, अनुराग, कुंठा, विरह, विष, विचार, विषमता, समर्पण, सुक्ष्म, सार आदि तो उपस्थित होता है ,किन्तु इसके परे भी होता है शिल्प, प्रसंग और प्रहार। जी हाँ, बात कविता की हो रही है तो इस बात का […]

देश में नई सरकार बन गई, सरकार के आते ही के. कस्तूरीरंगन समिति ने नई शिक्षा नीति का मसौदा सरकार को सौंपा था, इसके तहत नई शिक्षा नीति में तीन भाषा प्रणाली को लागू किया जाना प्रस्तावित हुआ, इसी को लेकर केंद्र के प्रस्ताव पर हंगामा मचना शुरू हो गया […]

हत्या किसकी पार्टी या विचारधारा की, नेता या नेतृत्व की, जनता या जनादेश की, जनमत या ध्वनिमत की, वंशवाद या नौकरशाही की, राजनैतिक भविष्य या नई संभावनाओं की, प्रबंधन या प्रयोजन की, प्रश्न या प्रतिप्रश्न की, पूंजी या पूंजीवादी सम्प्रभुता की, उजाले या अँधेरे की… और भी कई बातें, कई […]

वैसे तो भारत का प्रधानमंत्री अपने क्षेत्र, ग्राम,नगर, प्रान्त, भाषा, जाति, समाज, कुल, गौत्र, राजनैतिक पार्टी और अन्य तमाम परिचायक बंधनों से मुक्त होता है, ऐसे सभी बंधन जो उसे अन्य से अलग करते करते है या फिर जमात में शामिल करते है। इसीलिए वो भारत के प्रधानमंत्री के तौर […]

यक़ीनन दहेज़ एक बुरी प्रथा है, जिसके कारण समाज में कई बेटियों को अपना जीवन होम करना पड़ा, इसकी जद में कई परिवार, कई घर आ गए और स्वाह हो गए किन्तु इस व्याप्त बुराई में भी एक अच्छी की किरण किसी को नज़र आई तो वो है पश्चिम बंगाल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।