जन्म दिन विशेष ——————–– अटल वाणी सत्य की जिसके कायल थे सभी। पक्ष विपक्ष को कविताओ से मर्यादओं की मिनारों से राह दिखाते अधिकारों से उनके कायल थे सभी। बहुलता के प्रदेशो को मजबूत किया गठजोडो से। राजनीति की कीचड में चमकते हुए कमल अलंकृत किये गये भारत रत्न मिला […]

फायदे की बात तो सभी करते है बहती गंगा में डूबकी सभी लगाना चाहते हैं आखिर क्यो नही चाहेंगे जब गंगा ही उल्टी बह जाय और लोगो को मुर्ख बनाकर अपना काम निकाल लिया जाय विडम्बना तो तब होती है जब परिवार के लोग भी ऐसा करते है ।आज की […]

जुल्फ-घनेरी बिखरी-बिखरी झील सी आँखें नीली-नीली। नजर हमारी ठहरी-ठहरी बात तुम्हारी बिखरी-बिखरी। मन चंचल मचल-मचल अल्हड़ बनाए डगर-डगर। ठिठक जाए संभल-संभल होठ गुलाबी संवर-संवर। चाल शराबी कमल-कमल नशीली आदाएँ कहर-कहर। बात का जादू सफल-सफल मदहोश करती पहर-पहर। लो आ गयी गहरी-गहरी रात निराली ठहरी-ठहरी चाँद की चाँदनी फैली-फैली खूबसूरती तुम्हारी […]

शब्दों से भरी पन्नों की स्याही कितनी वफादार निकली “नजर” आती है स्पष्ट ज्ञान देती है झटपट होती नही नटखट स्याही के करिश्में कितनी मशहूर निकली शब्दों से भरी पन्नों की स्याही कितनी वफादार निकली। गमो का पहाड़ भी थाम लेती है कलम की सिपाही बनकर कुछ तो सिख लिया […]

खुद पे एतवार का चंद सवालों का झमेला यहाँ वक्त-वक्त का मेला रे। रोजी-रोटी-मकान का यहाँ झमेला रे। भूख की जात नहीं रोजी-रोटी की बात नहीं नंगे पांव चलते-चलते छाले का झमेला रे। तन ढका नहीं मन पढ़ा नहीं कह दिया नंगा रे, बात बात का झमेला रे। सर्दी गर्मी […]

नजर-नजर की अदा कमाल सी झुकी-झुकी घटा कमाल सी। नजर-नजर की मिसाल तारीफ-दर-तारीफ वेमिसाल। नजर-नजर की बातें लगती है सुहानी-सुहानी रातें नजर-नजर की मुलाकातें सताती-सताती है दिन-रातें। नजर -नजर की झुंझलाहट चढा-बढा रही है कड़वाहट। नजर-नजर की वफा मिलकर-मिटाती है दूरियाँ नजर-नजर की प्रभा लेती-देती है दुआ नजर-नजर की सौगातें […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।