नजर-नजर की अदा कमाल सी
झुकी-झुकी घटा कमाल सी।
नजर-नजर की मिसाल
तारीफ-दर-तारीफ वेमिसाल।
नजर-नजर की बातें
लगती है सुहानी-सुहानी रातें
नजर-नजर की मुलाकातें
सताती-सताती है दिन-रातें।
नजर -नजर की झुंझलाहट
चढा-बढा रही है कड़वाहट।
नजर-नजर की वफा
मिलकर-मिटाती है दूरियाँ
नजर-नजर की प्रभा
लेती-देती है दुआ
नजर-नजर की सौगातें
बताती-बताती है औकातें।
नजर- नजर की वेवफाई
बढाती-बढाती है रूसवाई।
नजर-नजर का विश्वास
एक-दूसरे को बनाता है प्रगाढ़।
नजर-नजर की झलक
मीठा-मीठा एहसास।
नजर-नजर की सौगात
अच्छे-बूरे की पहचान।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति