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चलते हैं जो रास्ते वो सफ़र, जो साथ चले वो होता हमसफ़र। हर इंसा तय करता अपना सफ़र, कभी किसी शाम तो कभी शहर। रास्ते बदले,लोग बदले,बदले हमसफ़र, दिया न साथ,सब धोखेबाज़ निकले। बिन रुके पाया अपना मुकाम, लाख कोशिश की न हुआ नाकाम। कठिन श्रम से दौड़ाई सफलता की […]

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सतरंगी सपनों की दुनिया, आज लगे बेमानी.. अपने ही जब गैर बने, तो दुनिया लगे बेगानीll रस्ते चलते साथी मिलते, कितने जाने पहचाने.. वक्त पड़े इनका जब देखो, बन जाते अंजानेll हैं मतलब के यार सभी, न इनको करना याद कभी.. जो पल में साथ बनाए कहीं, पर साथी पर […]

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रुठे चेहरे पर बिखरी है उदासी। दूर कहीं हंसी उड़ी है हवा-सी।। तन्हाई ने घेरा है चारों तरफ से। अन्धेरा-सा बिखरा है उम्र दराज से।। खुशहाल ज़िंदगी पर विराम है उदासी। न है खुशी की इक झलक जरा-सी।। सुनहरी किरणों से अब रहा न कोई वास्ता। उदासी ने रोका है […]

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नारी है ईश्वर की प्रतिमा, इसके प्रेम,आशीर्वाद की नहीं है कोई सीमा। नारी ने किया इस पृथ्वी का सृजन, नारी बनी हर रिश्ते क्षेत्र में मिसाल.. इसने ही संवारा ये चमन। इससे ही संभव हुआ देश-समाज में शांति और अमन। ये है शक्तियों का भंडार, ये करती संसार में उज्जवल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।