हरियाली देती सबको संदेश, पेड़-पौधे लगाओ, स्वर्ग बने देश ।। उद्योगों की आंधी में, विनाश रूपी विकास में, मत क्षति पहुंचाओ प्रकृति को- सभ्य समाजी बनकर पर्यावरण बचाओ । पेड़ लगाओ- पेड़ लगाओ, फोटो मत खिंचवाओ ।। हम बदलेंगे तो तस्वीर बदलेगी धरा की – प्रकृति का संरक्षण करके, ओजोन […]

सीने में जख्म लिए चेहरे पर मुस्कान, माथे पर पसीना करता नवनिर्माण । अपनों से दूर सपनों में खोकर गीत नया गाता भरपेट नहीं खा पाता । टूटता-बिखरता पर भय नहीं खाता वह सीधा-साधा जग मजदूर उसे कहता । वो आज भी रंक बना कितने राजा पैदा हुए पर उसने […]

सुख-दु:ख का सम भाव है बुद्ध… सांसारिक कैद से मुक्ति का मंत्र है बुद्ध… ज्ञान, ध्यान, विचार का सागर है बुद्ध… अपार उतार-चढ़ाव में न डिगे वह नौका है बुद्ध… मोह- माया का संपूर्ण त्याग है बुद्ध… इंसानी इच्छाओं का पूर्ण त्याग है बुद्ध… मानवरूप से देवरूप को प्राप्त हो […]

दरोगा अभय यादव की शैतानियत से बच्चा-बच्चा परिचित था । रिश्वत खाने की उसे ऐसी बीमारी थी कि आदमी कितना भी गरीब हो उससे उसे पैसा चाहिए ही चाहिए । रात को एक मामला थाने में आया । झगड़ा पारिवारिक था, फिर भी रफा-दफा करने के बजाय अभय यादव ने […]

सच को सच अब लिख नहीं पाती कलम सिस्टम के आगे आखिर कब तक गिड़गिड़ायेगी कलम तलवार की धार सा जो लिखे कलम तो टूटकर भी अमर हो जाएगी कलम दुनिया की किसी भी कीमत पर न बिचे कलम तो सदियों तक सूरज सी तपती रहेगी कलम सच को सच […]

पुस्तक चर्चा राकेश शंकर भारती लेखन की दुनिया में वो प्रतिष्ठित नाम है जो किसी परिचय का मुहताज नहीं है । इनका एक उपन्यास 3020 ई0 अभी हाल ही में आया है, जिसने साहित्य की दुनिया में तहलका मचा कर रख दिया है। यह उपन्यास मुझे जयपुर के कार्यक्रम में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।