मै रहूँ न रहूँ,मेरा देश रहना चाहिए | मै बढ़ूँ न बढूँ मेरा देश बढ़ना चाहिए || आया है जनसँख्या का सैलाब,यह रूकना चाहिए | साधन है सीमित,जनसँख्या तो कम होनी चाहिए || करे मेरा देश विकास,उसका विश्व में नाम हो | बन जाये विश्व गुरु,उसकी विश्व में शान हो […]

शब्द शब्द में ब्रह्म हो , शब्द शब्द में हो सार | शब्द सदा ऐसा कहो, जिससे उपजे हो प्यार || शब्दों में जरा मीठापन हो , उसमे कभी न हो खार | शब्दों से सब रिश्ते बनते , शब्दों से मिलता है दुलार || शब्दों से होते लड़ाई झगड़े […]

चारो वेदो का ज्ञान सब पाये , मेरा देश विश्व गुरु बन जाये | एक और है मेरी आखरी इच्छा , फिर से सोने की चिड़िया कहलाये || कुछ विदेशी बाहर से आये, व्यापारी बनकर यहाँ आये | उन्होंने मेरे देश को खूब लूटा , हम गरीब वे अमीर बन […]

बसे है दिन रात जो दिल में मेरे | उनका नाम अब बताऊं मै कैसे || जो बिल्कुल बोलते नहीं है | उनसे बात बताऊँ मै कैसे || चुरा ली नींद है रातो की जिसने | उनका ख्वाब अब दिखाऊं मै कैसे || तडफा कर चल दिए मुझको | उन्हें […]

नित्य नियम से मदिरा पान कराये, आजकल तो सच्चा मित्र वही है | दुःख दर्द में जो दारु पिलाये, सच्चा मित्र तो आज वही है | पिला कर जो नाली से निकाले , उस जैसा कोई मित्र नहीं है | मधुशाला का नित्य निमन्त्रण, जो देता है अच्छा मित्र वही […]

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली | कुछ सुनेहरी यादे,मेरे संग पाँव पाँव चली || सफर धूप का किया,तो ये तजुर्बा हुआ | वो जिन्दगी ही क्या,जो छाँव छाँव चली || पता है सबको,जो पांड्वो का हश्र जुए में हुआ | द्रोपदी की इज्जत,भरे दरबार में दाँव दाँव चली […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।