बेवजह गुस्सा,चिड़चिड़ापन, अच्छी बात नहीं। बेमौत न कर मेरे नाम कफ़न अच्छी बात नहीं॥ ————————————- यहाँ-वहाँ,इधर-उधर मत दिखा अपनी अदा। मेरे दिल को न कर परेशान अच्छी बात नहीं॥ ————————————- बारिश भी वहीं है,जहाँ तुमने साथ छोड़ा था। बिन मौसम के बरसे सावन अच्छी बात नहीं॥ ————————————- तू मुस्कुराए तो […]

हाँ,माना हार  के बाद  ही  जीत   हैl आत्महत्या   करना   कौन-सी       रीत    हैll दो-चार     मुश्किलों     से    तुम     डर    गएl उनको   भी   याद   कर    जिनके  घर    गएll तनाव, पढ़ाई  का  दवाब, अवसाद, […]

हिन्दी विरोधी ट्विटर अभियान के बाद `हमारी मेट्रो,हम नहीं चाहते हिन्दी` दो मेट्रो स्टेशनों-चिकपेट और मैजेस्टिक के हिन्दी में लिखे गए नामों को 3 जुलाई को अखबार और टेप की मदद से ढँक दिया गया है। ये मेट्रो बोर्ड कन्नड़,अंग्रेजी और हिन्दी में थे। केआरवी कार्यकर्ता प्रवीण शेट्टी ने रेस्त्रां के […]

एक वहाँ है अम्बर में, और एक यहाँ है धरती पर, ये ओट छिपा है घूँघट की, वो ओट छिपा है बदली की, कहो कैसे कि मैं दीदार करूँ,दिल का अपने इजहार करूँ, मेरे सामने आता है वो नहीं, मेरा चाँद बड़ा शर्मिला है। एक नीली चुनर को ओढ़े है,एक […]

मैं तनहा होता जाता हूँ,खुद पर रोता जाता हूँ, मैं संस्कार का वृक्ष हूँ, खुद को ढोता जाता हूँ। कुछ हवा विषैली है आई,लोगों की मति है भरमाई, कुछ पाश्चात्य का दोष है,कुछ मुझसे भी इन्हें रोष है। मैं मर्यादा का पोषक हूँ,निज संस्कृति का उदघोषक हूँ, मैं आत्मशक्ति का साधक हूँ,मन […]

ये कैसा अजीब मंजर है, हर के हाथ खंजर है.. यहाँ पैदावार कम होती है, सारी जमीन ही बंजर है। पढ़ लिखकर क्या पाएगा, पिता पुत्र को समझाता है.. पढ़े-लिखे सब बेरोजगार हैं, फिर खेती से भी जाएगा। तेरे बड़े भाई को पढ़ाया था, उसने उम्मीदों को जगाया था.. अब तक […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।